Monday, May 20, 2024
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सरकार ने पहली बार तय किए विद्युत उपभोक्ताओं के अधिकार, स्मार्ट मीटरिंग प्रावधान में किया ये संशोधन

केन्‍द्रीय विद्युत मंत्रालय ने देश में विद्युत उपभोक्‍ताओं के अधिकारों को तय करते हुए नियम लागू किए हैं। इन नियमों को जारी करते हुए केन्‍द्रीय विद्युत मंत्री आरके सिंह ने कहा था कि ये नियम विद्युत उपभोक्‍ताओं को सशक्‍त बनाएंगे। उन्‍होंने कहा था कि ये नियम इस मान्‍यता से निकले हैं कि विद्युत प्रणालियां उपभोक्‍ताओं की सेवा के लिए होती हैं और उपभोक्‍ता को विश्‍वसनीय सेवाएं और गुणवत्‍ता सम्‍पन्‍न बिजली पाने का अधिकार है।

उन्‍होंने कहा कि देश में वितरण कंपनियों का, चाहे सरकारी या निजी हो, एकाधिकार हो गया है और उपभोक्‍ताओं के पास कोई विकल्‍प नहीं है। आरके सिंह ने कहा था कि इसलिए नियमों में उपभोक्‍ताओं के अधिकारों को तय करना और इन अधिकारों को लागू करने के लिए प्रणाली बनाना आवश्‍यक हो गया था। नियमों में यही प्रावधान है।

विद्युत मंत्री के अनुसार पूरे देश में कारोबारी सुगमता को बढ़ाने की दिशा में ये नियम महत्‍वपूर्ण कदम हैं। इन नियमों को लागू करने से यह सुनिश्चित होगा कि नए बिजली कनेक्‍शन, रिफंड तथा अन्‍य सेवाएं समयबद्ध तरीके से दी जा सकें। जानबूझकर उपभोक्‍ताओं के अधिकारों की अनदेखी करने पर सेवा प्रदाता दंडित होंगे। 

ये नियम सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं के केन्‍द्र बिन्‍दु में उपभोक्‍ता को रखने के कदम हैं। इन नियमों से लगभग 30 करोड़ वर्तमान तथा संभावित उपभोक्‍ता लाभान्वित होंगे। 

उपभोक्‍तओं के अधिकार में इन प्रमुख क्षेत्रों को कवर किया गया हैं

उपभोक्‍ताओं के अधिकारों तथा वितरण लाइसेंसियों के दायित्‍व

नया कनेक्‍शन जारी करना तथा वर्तमान कनेक्‍शन में संशोधन

मीटरिंग प्रबंधन

बिलिंग और भुगतान

डिस्‍कनेक्‍शन और रिकनेक्‍शन

सप्‍लाई की विश्‍वसनीयता

प्रोज्‍यूमर के रूप में कन्‍ज्‍यूमर

लाइसेंसी के कार्य प्रदर्शन मानक

मुआवजा व्‍यवस्‍था

उपभोक्‍ता सेवाओं के लिए कॉल सेन्‍टर

शिकायत समाधान व्‍यवस्‍था

अधिकार और दायित्‍व

प्रत्‍येक वितरण लाइसेंसी का कर्तव्‍य है कि वे अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप किसी परिसर के मालिक या उस परिसर में रह रहे व्‍यक्ति के अनुरोध पर बिजली सप्‍लाई करें।

वितरण लाइसेंसी द्वारा बिजली सप्‍लाई के लिए न्‍यूनतम सेवा मानक उपभोक्‍ता का अधिकार है।

नए कनेक्‍शन जारी करना और वर्तमान कनेक्‍शन में संशोधन

पारदर्शी, सरल तथा समयबद्ध प्रक्रियाएं, आवेदक के पास ऑनलाइन आवेदन का विकल्‍प होगा, नए कनेक्‍शन देने और वर्तमान कनेक्‍शन में संशोधन के लिए मेट्रो शहर में अधिकतम समय-सीमा सात दिन तथा अन्‍य पालिका क्षेत्रों में 15 दिन तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 30 दिन होगी।

मीटिरिंग

मीटर के बिना कोई कनेक्‍शन नहीं दिया जाएगा, मीटर स्‍मार्ट प्री-पेमेंट या प्री-पेमेंट मीटर होंगे, मीटरों के परीक्षण का प्रावधान, खराब या जला हुआ या चुराए गए मीटरों को बदलने का प्रावधान।

बिलिंग और भुगतान

उपभोक्‍ता शुल्‍क तथा बिलों में पारदर्शिता, उपभोक्‍ता को ऑनलाइन या ऑफलाइन भुगतान का विकल्‍प होगा, बिलों के अग्रिम भुगतान का प्रावधान।

डिस्‍कनेक्‍शन तथा रिकनेक्‍शन प्रावधान

सप्‍लाई की विश्‍वसनीयता

वितरण लाइसेंसी सभी उपभोक्‍ताओं को 24×7 बिजली सप्‍लाई करेगा, लेकिन आयोग कृषि जैसे कुछ श्रेणियों के उपभोक्‍ताओं के लिए आपूर्ति के कम घंटों को निर्दिष्‍ट कर सकता है। निगरानी तथा बिजली बहाल करने के लिए वितरण लाइसेंसी, जहां तक संभव हो, ऑटोमेटेड टूल्‍स के साथ एक व्‍यवस्‍था बनाएंगे।

प्रोज्‍यूमर के रूप में कन्‍ज्‍यूमर

प्रोज्‍यूमर, कन्‍ज्‍यूमर का दर्जा बनाए रखेंगे और उन्‍हें सामान्‍य उपभोक्‍ता की तरह ही अधिकार होंगे। उन्‍हें स्‍वयं या सेवा प्रदाता के माध्‍यम से नवीकरणीय ऊर्जा उत्‍पादन व्‍यवस्‍था स्‍थापित करने का अधिकार होगा, इसमें रूफ टॉप सोलर फोटोवॉल्टिक प्रणालियां शामिल हैं। 10 केवी तक लोड के लिए निबल मीटरिंग और 10 केवी से ऊपर लोड के लिए सकल मी‍टरिंग।

कार्यप्रदर्शन मानक

आयोग सभी वितरण लाइसेंसियों के लिए कार्यप्रदर्शन मानक अधिसूचित करेगा, कार्यप्रदर्शन मानकों के उल्‍लंघन के लिए वितरण लाइसेंसियो द्वारा उपभोक्‍ताओं को मुआवजा राशि का भुगतान किया जाएगा।

मुआवजा व्‍यवस्‍था

उपभोक्‍ताओं को ऑटोमेटिक रूप से मुआवजे का भुगतान किया जाएगा, जिसके लिए कार्यप्रदर्शन मानकों की दूर से निगरानी की जाएगी, कार्यप्रदर्शन मानकों में जिनके लिए मुआवजे का भुगतान वितरण लाइसेंसियों द्वारा किया जाएगा, उनमें शामिल हैं- आयोग यह निर्दिष्‍ट करेगा कि एक विशेष अवधि से आगे उपभोक्‍ता को सप्‍लाई नहीं की जाएगी; आयोग द्वारा निर्दिष्‍ट सीमा से अधिक सप्‍लाई में बाधा संख्‍या। कनेक्‍शन, डिस्‍कनेक्‍शन, रिकनेक्‍शन, शिफ्टिंग में लगने वाला समय; उपभोक्‍ता श्रेणी, लोड परिवर्तन में लगने वाला समय; उपभोक्‍ता ब्‍योरा में परिवर्तन के लिए लगने वाला समय; खराब मीटरों को बदलने में लगने वाला समय; समय-सीमा जिसके अंदर बिल दे दी जाएगी; वोल्‍टेज से संबंधी शिकायतों के समाधान की अवधि तथा बिल संबंधी शिकायतें।

उपभोक्‍ता सेवा के लिए कॉल सेन्‍टर

वितरण लाइसेंसी एक केन्‍द्रीकृत 24×7 टोल फ्री कॉल सेन्‍टर स्‍थापित करेगा, लाइसेंसी कॉमन कस्‍टमर रिलेशन मैनेजर प्रणाली के माध्‍यम से सभी सेवाएं प्रदान करने का प्रयास करेगा।

शिकायत समाधान व्‍यवस्‍था

उपभोक्‍ता शिकायत समाधान फोरम में कन्‍ज्‍यूमर और प्रोज्‍यूमर के प्रतिनिधि होंगे, उपभोक्‍ता शिकायत समाधान व्‍यवस्‍था को बहुस्‍तरीय बनाकर आसान बनाया गया है और उपभोक्‍ताओं के प्रतिनिधियों की संख्‍या एक से बढ़ाकर चार कर दी गई है। लाइसेंसी समय-सीमा निर्दिष्‍ट करेगा, जिसके अंतर्गत विभिन्‍न स्‍तर के फोरमों द्वारा विभिन्‍न प्रकार की शिकायतों का समाधान किया जाएगा। शिकायत समाधान के लिए अधिकतम समय-सीमा 45 दिन है।

सामान्‍य प्रावधान

अपनी वेबसाइट, वेब पोर्टल, मोबाइल ऐप तथा अपने क्षेत्रवार कार्यालयों द्वारा आवेदन प्रस्‍तुति, आवेदन की स्थिति की निगरानी, बिलों का भुगतान, शिकायतों की स्थिति आदि के लिए उपभोक्‍ताओं को ऑनलाइन एक्‍सेस होगा। वितरण लाइसेंसी वरिष्‍ठ नागरिकों को उनके घर पर आवेदन प्रस्‍तुतीकरण, बिलों का भुगतान जैसी सभी सेवाएं प्रदान करेंगे। उपभोक्‍ताओं को बिजली कटौती के समय की विस्‍तृत जानकारी दी जाएगी। अनियोजित कटौती या खराबी की सूचना उपभोक्‍ताओं को एसएमएस द्वारा या अन्‍य इलैक्‍ट्रॉनिक साधनों द्वारा दी जाएगी और बिजली बहाली का अनुमानित समय बताया जाएगा।

स्मार्ट मीटरिंग

भारत सरकार ने 14 जून 2023 को बिजली (उपभोक्ताओं के अधिकार) नियम 2020 में संशोधन किया, जिसमें टाइम ऑफ डे (TOD) टैरिफ की शुरुआत करके नवीकरणीय स्रोतों से बिजली की अधिक से अधिक खपत की सुविधा के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव लाया गया। जहां बिजली की कीमतें दिन के समय के आधार पर बदलती रहती हैं, ताकि सौर घंटों के दौरान अधिक बिजली के उपयोग को प्रोत्साहित करते हुए उपभोक्ताओं के उपभोग व्यवहार को बदलने के लिए मूल्य संकेत दिया जा सके।

टीओडी तंत्र का उद्देश्य उपभोक्ताओं को अपने भार का प्रबंधन करने और बिजली बिलों को कम करने के लिए प्रोत्साहित करना है, साथ ही मांग को उच्च नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन अवधि में स्थानांतरित करने के लिए प्रोत्साहित करके नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के बेहतर एकीकरण की सुविधा प्रदान करना है। अधिकांश राज्य विद्युत नियामक आयोग पहले ही बड़े वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए टीओडी टैरिफ लागू कर चुके हैं।

सरकार ने व्यवसाय करने में आसानी के साथ-साथ जीवनयापन में आसानी के लिए स्मार्ट मीटरिंग के नियमों को भी सरल बना दिया है। उपभोक्ताओं की असुविधा या उत्पीड़न से बचाने के लिए उपभोक्ता की मांग में अधिकतम स्वीकृत भार अथवा मांग से अधिक वृद्धि पर मौजूदा जुर्माने को कम कर दिया गया है।

मीटरिंग प्रावधान में संशोधन के अनुसार स्मार्ट मीटर की स्थापना के बाद, स्थापना तिथि से पहले की अवधि के लिए स्मार्ट मीटर द्वारा दर्ज की गई अधिकतम मांग के आधार पर उपभोक्ता पर कोई दंडात्मक शुल्क नहीं लगाया जाएगा।

लोड संशोधन प्रक्रिया को भी इस तरह से तर्कसंगत बनाया गया है कि अधिकतम मांग को केवल तभी ऊपर की ओर संशोधित किया जाएगा, जब स्वीकृत लोड एक वित्तीय वर्ष में कम से कम तीन बार से अधिक हो गया हो। इसके अलावा स्मार्ट मीटर को दिन में कम से कम एक बार दूर से पढ़ा जाएगा और उपभोक्ताओं के साथ डेटा साझा किया जाएगा, ताकि वे बिजली की खपत के बारे में उचित निर्णय ले सकें।

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