Sunday, April 28, 2024
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परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए सरकार लाई बिल, नकल पर 10 साल तक जेल एवं 10 लाख तक जुर्माने का प्रावधान

गुवाहाटी, 5 फरवरी (हि.स.)। असम विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन परीक्षा विधेयक ‘द असम पब्लिक एग्जामिनेशन (मेजर्स फॉर प्रिवेंशन आफ अनफेयर मिन्स इन रिक्रूइटमेंट) बिल, 2024’ पेश किया गया।इस विधेयक का उद्देश्य मेधावी छात्रों को परीक्षा के जरिए उच्च स्थान दिलाना है।

सोमवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सदन में राज्य के संसदीय कार्य मंत्री पीयूष हजारिका ने ‘द असम पब्लिक एग्जामिनेशन (मेजर्स फॉर प्रिवेंशन आफ अनफेयर मिन्स इन रिक्रूइटमेंट) बिल, 2024’ पेश किया। इस विधेयक के जरिए असम सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक सुधार लाने का प्रयास किया है।

इस विधेयक के अनुसार परीक्षा के दौरान नकल करने वालों को एक लाख रुपये जुर्माने के साथ तीन साल की जेल का प्रावधान किया गया है। साथ ही जुर्माना न चुकाने की स्थिति में नौ माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। साथ ही विधेयक में यह भी प्रवाधान किया गया है कि अलग-अलग परिस्थितियों में सजा 10 वर्ष एवं जुर्माने की राशि 10 लाख रुपये तक हो सकती है। साथ ही बिल के क्लॉज 1 के सेक्शन 2 के तहत जुर्माना की राशि 10 करोड़ रुपये तक एवं सजा की अवधि और 2 वर्ष बढ़ सकती है।

इस बिल में परीक्षार्थियों को परीक्षा के दौरान प्रत्यक्ष या परोक्ष सहायता करना, कोई भी लिखित रिकार्ड की गयी, कॉपी की गयी, प्रिंट किया गया कोई भी वस्तु परीक्षा कक्ष में ले जाना, कोई इलेक्ट्रानिक या मशीनी वस्तु परीक्षा कक्ष में ले जाना, प्रश्न पत्र को किसी भी प्रकार से लीक करना, किसी भी प्रकार से प्रश्न पत्र को पुनः मुद्रित करना, बेचना, खरीदना, प्रश्न पत्र का गलत तरीके से उत्तर देना, अन्यत्र परीक्षा आयोजित करना, उत्तर पुस्तिका का परीक्षा कक्ष से बाहर ले जाना आदि अपराध की श्रेणी में रखा गया है।

इस बिल के सारे प्रावधान असम लोकसेवा आयोग की सभी परीक्षाओं, गौहाटी हाई कोर्ट की परीक्षाओं, राज्यस्तरीय भर्ती आयोग की तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग की नौकरी के लिए आयोजित होने वाली परीक्षाओं, राज्य सरकार की किसी भी परीक्षा, विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, स्कूलों, सोसायटी, कॉर्पोरेशन, स्थानीय निकाय आदि की सभी परीक्षाओं पर भी लागू होगा। परीक्षा से संबंधित सभी मामले गैर जमानती अपराध की श्रेणी में रखे जाएंगे। डीएसपी रैंक से नीचे के अधिकारी इन मामलों की जांच नहीं कर सकेंगे। सारे मामले गौहाटी हाई कोर्ट एवं इसके अधीनस्थ अधिकार क्षेत्र में रहेंगे।

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