छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करने देश में खोले जाएंगे अत्याधुनिक पीएम श्री स्कूल

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राष्ट्रीय स्कूली शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन के दूसरे दिन उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि स्कूली शिक्षा एक ज्ञान आधारित समाज की बुनियाद होती है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति एक ज्ञान आधारित दस्तावेज है, जिसका उद्देश्य समग्र विकास को बढ़ावा देना और सभी को शिक्षा उपलब्ध कराना है।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हम अमृत काल के युग में हैं। उन्होंने कहा कि अगले 25 साल भारत को एक ऐसे ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं जो वैश्विक कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हो। हम एक ऐसी सभ्यता हैं जो वसुधैव कुटुम्बकम में विश्वास करती है और हमें यह महसूस करना चाहिए कि हमारे ऊपर न केवल अपने राष्ट्र की बल्कि दुनिया की भी जिम्मेदारियां हैं।

केन्द्रीय मंत्री ने आग्रह किया कि जब हम 21वीं सदी के अवसरों और चुनौतियों के लिए तैयारी कर रहे हैं, तो हमें अपनी शिक्षा और कौशल संबंधी इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कल विभिन्न शिक्षा और कौशल संस्थानों के दौरे के दौरान हम सभी को 21वीं सदी की भविष्य की शिक्षा प्रणाली के विभिन्न आयामों की झलक देखने को मिली।

उन्होंने एनईपी के 5+3+3+4 दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला जिसमें प्री-स्कूल से माध्यमिक तक, ईसीसीई पर जोर, शिक्षक प्रशिक्षण और वयस्क शिक्षा, स्कूली शिक्षा के साथ कौशल विकास का एकीकरण और मातृभाषा में सीखने को प्राथमिकता दी गई है और जो 21 वीं सदी के वैश्विक नागरिकों को तैयार करने की दिशा में उठाए गए कदम हैं।

केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार पीएम श्री स्कूलों की स्थापना की प्रक्रिया में है जो छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करने की दृष्टि से पूरी तरह से सुसज्जित होंगे। ये अत्याधुनिक स्कूल एनईपी 2020 की प्रयोगशाला होंगे। उन्होंने पीएम श्री स्कूलों के रूप में भविष्य की ओर उन्मुख एक मानक मॉडल बनाने के लिए सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों और शिक्षा जगत से जुड़े समस्त इकोसिस्टम से सुझाव और प्रतिक्रिया मांगी।

केन्द्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि आज इस सम्मेलन में व्यवस्थित एवं परिणाम-आधारित चर्चाओं के दौरान सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों द्वारा साझा किए गए अनुभव तथा जानकारियों से एनईपी 2020 के अनुरूप सीखने के परिदृश्य को बदलने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ा जा सकेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस सम्मेलन में हो रहे विचार-विमर्श से देश भर में शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने में काफी मदद मिलेगी।