नई दिल्ली (हि.स.)। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने बिना किसी छूट के सभी देशों से इस्पात और एल्यूमीनियम के आयात पर अतिरिक्त शुल्क लगाया है, लेकिन भारत पर अभी तक कोई देश विशेष टैरिफ या पारस्परिक शुल्क नहीं लगाया गया है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि सरकार इन शुल्कों के प्रभाव का बारीकी से मूल्यांकन कर रही है, जो पिछले शुल्कों की तुलना में वृद्धि दर्शाते हैं। जितिन प्रसाद ने सीपीआई (एम) के सदस्य जॉन ब्रिटास के एक सवाल के जवाब में कहा कि आज की तारीख तक अमेरिका ने भारत पर विशेष रूप से कोई पारस्परिक शुल्क नहीं लगाया है।
केंद्रीय वाणिज्य राज्यमंत्री ने कहा कि अमेरिका ने सभी देशों से स्टील और एल्यूमीनियम के आयात पर समान रूप से अतिरिक्त शुल्क लगाए हैं, जिनका प्रभाव व्यापक स्तर पर देखा जा रहा है। भारत सरकार इन शुल्कों के प्रभाव का बारीकी से मूल्यांकन कर रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले भी भारत द्वारा लगाए गए उच्च टैरिफ की आलोचना कर चुके हैं, लेकिन अभी तक दोनों देशों के बीच कोई विशेष व्यापारिक विवाद नहीं उभरा है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका ने 13 फरवरी, 2025 को पारस्परिक व्यापार और शुल्कों पर एक ज्ञापन जारी किया है, जिसमें वाणिज्य सचिव और संयुक्त राज्य व्यापार प्रतिनिधि को व्यापारिक साझेदारों की ओर से अपनाई गई किसी भी गैर-पारस्परिक व्यापार व्यवस्था से अमेरिका को होने वाले नुकसान की जांच करने के लिए जरूरी कार्रवाई करनी है। इसके साथ ही प्रत्येक व्यापारिक साझेदार के लिए विस्तृत प्रस्तावित उपायों के साथ एक रिपोर्ट प्रदान करनी है, जिसके आधार पर संबंधित व्यापारिक साझेदार के खिलाफ अमेरिका की कार्रवाई किसी भी प्रासंगिक अमेरिकी कानून के तहत की जा सकती है।
जितिन प्रसाद ने राज्यसभा में दी जानकारी में बताया कि भारत और अमेरिका अपने आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी दिशा में दोनों देशों ने 13 फरवरी, 2025 को एक संयुक्त बयान जारी किया था, जिसमें मिशन 500 के तहत 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब अमेरिकी डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा, ‘’भारत और अमेरिका एक पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। इस समझौते के तहत दोनों देश बाजार पहुंच बढ़ाने, टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने, आपूर्ति शृंखला को मजबूत करने और प्रमुख व्यापारिक मुद्दों को द्विपक्षीय रूप से हल करने पर ध्यान देंगे।”
उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों को और गहरा करने के लिए कई नीतिगत सुधारों और समझौतों पर चर्चा हो रही है। दोनों देश व्यापारिक बाधाओं को कम करने और टेक्नोलॉजी, फार्मा, ऑटोमोबाइल, रक्षा और कृषि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं।