मुंबई (हि.स.)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) और बैंक ऑफ मॉरीशस (बीओएम) ने सीमा पार लेन-देन के लिए भारतीय मुद्रा रुपये और मॉरीशस रुपये (एमयूआर) के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
आरबीआई ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक और बैंक ऑफ मॉरीशस ने द्विपक्षीय लेन-देन के लिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ावा देने हेतु एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। केंद्रीय बैंक ने कहा कि समझौता ज्ञापन पर आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा और बीओएम गवर्नर राम कृष्ण सिथानन जी सी एस के ने हस्ताक्षर किए हैं।
रिजर्व बैंक ने कहा, “भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम की मौजूदगी में 12 मार्च, 2025 को मॉरीशस के पोर्ट लुइस में समझौता ज्ञापन दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया गया।”
आरबीआई ने कहा कि इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार में भारतीय रुपया और एमयूआर के उपयोग को बढ़ावा देना है। इस समझौता ज्ञापन में दोनों देशों द्वारा सहमत सभी चालू खाता लेन-देन और स्वीकार्य पूंजी खाता लेनदेन शामिल हैं।
रिजर्व बैंक के मुताबिक यह समझौता ढांचा निर्यातकों और आयातकों को अपनी-अपनी घरेलू मुद्राओं में चालान बनाने और भुगतान करने में सक्षम बनाएगा, जिससे बदले में भारतीय रुपया और एमयूआर जोड़ी में एक बाजार का विकास संभव होगा। स्थानीय मुद्राओं के उपयोग से लेनदेन के लिए लागत और निपटान समय का अनुकूलन होगा।