Monday, May 20, 2024
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इतिहास के पन्नों में 4 फरवरीः ‘चौरी चौरा’ न होता तो गांधी जी वापस न लेते असहयोग आंदोलन

देश-दुनिया के इतिहास में 04 फरवरी की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह ऐसी तारीख है जिसने महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन को प्रभावित किया। इस आंदोलन के दौरान 04 फरवरी 1922 को कुछ लोगों की गुस्साई भीड़ ने गोरखपुर के चौरी-चौरा के पुलिस थाने में आग लगा दी थी। इसमें 23 पुलिसवालों की मौत हो गई। इस घटना में तीन नागरिकों की भी मौत हो गई थी। दरअसल लोगों को पता चला था कि चौरी-चौरा पुलिस स्टेशन के थानेदार ने मुंडेरा बाजार में कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मारा है। इससे गुस्साई भीड़ पुलिस स्टेशन के बाहर जमा हुई थी।

थाना फूंकने की घटना के बाद महात्मा गांधी ने 12 फरवरी, 1922 को असहयोग आंदोलन वापल ले लिया था। हालांकि महात्मा गांधी के इस फैसले से क्रांतिकारियों का एक दल नाराज हो गया था। 16 फरवरी, 1922 को गांधी जी ने अपने लेख ‘चौरी चौरा का अपराध’ में लिखा कि अगर ये आंदोलन वापस नहीं लिया जाता तो दूसरी जगहों पर भी ऐसी घटनाएं होतीं। उन्होंने इस घटना के लिए पुलिसवालों को जिम्मेदार ठहराया था। गांधी जी का मानना था कि पुलिस के उकसाने पर ही भीड़ ने ऐसा कदम उठाया।

इसके बाद गांधी जी पर राजद्रोह का मुकदमा भी चला था और उन्हें मार्च 1922 में गिरफ्तार कर लिया गया। असहयोग आंदोलन का प्रस्ताव कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में 04 सितंबर, 1920 को पारित हुआ था। गांधी जी का मानना था कि अगर असहयोग के सिद्धांतों का सही से पालन किया गया तो एक साल के अंदर अंग्रेज भारत छोड़कर चले जाएंगे। इसके तहत उन्होंने उन सभी वस्तुओं, संस्थाओं और व्यवस्थाओं का बहिष्कार करने का फैसला किया था जिसके तहत अंग्रेज भारतीयों पर शासन कर रहे थे। उन्होंने विदेशी वस्तुओं, अंग्रेजी कानून, शिक्षा और प्रतिनिधि सभाओं के बहिष्कार की बात कही। खिलाफत आंदोलन के साथ मिलकर असहयोग आंदोलन बहुत हद तक कामयाब भी रहा था।

देश की आजादी के बाद 1971 में गोरखपुर जिले के लोगों ने चौरी-चौरा शहीद स्मारक समिति का गठन किया। इस समिति ने 1973 में चौरी-चौरा में 12.2 मीटर ऊंची एक मीनार बनवाई। इसके दोनों तरफ एक शहीद को फांसी से लटकते हुए दिखाया गया। इसे लोगों के चंदे के पैसे से बनाया गया। इसकी लागत तब 13,500 रुपये आई थी। बाद के वर्षों में केंद्र सरकार ने शहीदों की याद में एक अलग शहीद स्मारक बनवाया। अब इसे ही मुख्य शहीद स्मारक माना जाता है। इस पर शहीदों के नाम खुदवा कर दर्ज किए गए हैं। कुछ समय बाद भारतीय रेलवे ने दो ट्रेन भी चौरी-चौरा के शहीदों के नाम से चलवाईं। इनके नाम हैं शहीद एक्सप्रेस और चौरी-चौरा एक्सप्रेस। दरअसल चौरी-चौरा दो अलग-अलग गांवों के नाम थे। रेलवे के एक ट्रैफिक मैनेजर ने इन गांवों का नाम एक साथ किया था। उन्होंने जनवरी 1885 में यहां एक रेलवे स्टेशन की स्थापना की थी। इसलिए शुरुआत में सिर्फ रेलवे प्लेटफॉर्म और मालगोदाम का नाम ही चौरी-चौरा था। बाद में जो बाजार लगने शुरू हुए, वो चौरा गांव में लगने शुरू हुए। जिस थाने को 04 फरवरी, 1922 को जलाया गया था, वो भी चौरा में ही था। इस थाने की स्थापना 1857 की क्रांति के बाद हुई थी। यह एक तीसरे दर्जे का थाना था।

महत्वपूर्ण घटनाचक्र

1620ः हंगरी के प्रिंस बेथलेन और रोम के सम्राट फर्डीनेंड द्वितीय के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर।

1628ः शाहजहां को आगरा में मुगल बादशाह का ताज पहनाया गया।

1783ः इटली के कैलब्रिया में आए भूकंप में 50 हजार लोग मारे गए।

1797ः इक्वाडोर की राजधानी क्वीटो में आए भूकंप में 41 हजार से अधिक लोग मारे गए।

1847ः मैरीलैंड में अमेरिका की पहली टेलीग्राफ कंपनी की स्थापना।

1881ः लोकमान्य तिलक के संपादन में दैनिक समाचार पत्र ‘केसरी’ का प्रकाशन शुरू।

1895ः अमेरिका के शिकागो में पहले रोलिंग लिफ्ट पुल का उद्घाटन।

1920ः लंदन से दक्षिण अफ्रीका के बीच पहली विमान सेवा शुरू।

1924ः महात्मा गाँधी को खराब स्वास्थ्य होने के कारण समय से पहले ही जेल से रिहा कर दिया गया।

1932ः न्यूयार्क के लेक प्लेसिड में तीसरे शीतकालीन ओलंपिक का शुभारंभ।

1948ः सिलोन (अब श्रीलंका) को ब्रिटेन से आजादी मिली।

1965ः अमेरिका ने नेवादा में परमाणु परीक्षण किया।

1968ः केन्या से एशियाई नागरिकों के पलायन का सिलसिला जारी।

1973ः भारत के सबसे बड़े मर्चेंट पोत का उद्घाटन।

1976ः ग्वाटेमाला में भूकंप में 23,000 लोगों की मौत।

1976ः संयुक्त राष्ट्र के शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन ने कहा कि वह निरक्षरता को दूर करने के अपने प्रयासों में विफल रहा है। इस संबंध में संगठन का दस वर्ष का कार्यक्रम भारत सहित 11 देशों पर केंद्रित था।

1978ः जूलियस जयवर्धने ने श्रीलंका के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।

1990ः केरल का एर्नाकुलम जिला देश का पूर्ण साक्षर जिला घोषित। यहां साक्षरता दर शत प्रतिशत दर्ज की गई।

1994ः अमेरिका ने वियतनाम के विरुद्ध लगाए गए व्यापारिक प्रतिबंध हटाए।

1996ः दक्षिण-पश्चिमी नेपाल के लुम्बिनी में उस वृक्ष का पता चला, जिसके नीचे भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था।

1997ः इजराइल की सेना के दो हेलीकाप्टर उत्तरी इजराइल में टकराए। देश के इतिहास के इस भीषणतम हवाई हादसे में सेना से जुड़े 73 लोग मारे गए।

1998ः अफगानिस्तान में भूकंप। 4000 से अधिक लोगों की मृत्यु।

2001ः तिब्बत की निर्वासित सरकार ने ऐलान किया कि भारत ने करमापा लामा को शरणार्थी का दर्जा दे दिया है। वह जनवरी 2000 में किशोरावस्था में भारत चले आए थे।

2003ः यूगोस्लाविया ने आधिकारिक तौर पर अपना नाम बदलकर सर्बिया और मोंटेनेग्रो किया।

2004ः फेसबुक लॉन्च।

2006ः अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने ईरान के एटमी हथियार बनाए जाने के मामले को सुरक्षा परिषद में भेजा।

2007ः अमेरिकी पूर्व उप राष्ट्रपति अलगोर को संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण पुरस्कार मिला।

2008ः पाकिस्तान में आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर फिदायन हमला किया।

2011ः दुनियाभर में इंटरनेट के काम करने का तरीका बदला। पुराने आईपी एड्रेस वर्जन-4 के स्थान पर एक नई प्रणाली इंटरनेट प्रोटोकॉल वर्जन-6 (आईपीवी6) उपयोग में लाने का फैसला।

2014ः माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन के निदेशक मंडल ने भारतीय मूल के सत्या नडेला को माइक्रोसॉफ्ट के नए सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) के रूप में चुना।

2021ः चौरी-चौरा संघर्ष के 100 साल पूरे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘शताब्दी समारोह’ की शुरुआत की।

जन्म

1881ः सोवियत संघ के पूर्व राष्ट्रपति क्लिमेंट वोरोशिलोव।

1891ः प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी एवं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष एमए अय्यंगार।

1908ः प्रसिद्ध क्रांतिकारी और शायर मखदूम मोहिउद्दीन।

1922ः भारत रत्न से सम्मानित और शास्त्रीय संगीतज्ञ पंडित भीमसेन जोशी।

1938ः प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्य कलाकार बिरजू महाराज।

1943ः भरतनाट्यम की प्रसिद्ध नृत्यांगना पद्मा सुब्रह्मण्यम।

1977ः खगोल भौतिकी और खगोल विज्ञान के प्रसिद्ध विद्वान कनक साहा।

निधन

1960ः भोपाल रियासत के अंतिम नवाब हमीदुल्लाह खान।

1974ः गणितज्ञ और भौतिक शास्त्री सत्येन्द्र नाथ बोस।

1993ः भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक दौलत सिंह कोठारी।

2002ः प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता भगवान दादा।

2023ः प्रसिद्ध भारतीय पार्श्वगायिका वाणी जयराम। उन्हें आधुनिक भारत की मीरा भी कहा जाता है।

दिवस

-विश्व कैंसर दिवस

-चौरी-चौरा दिवस (1921)

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