Tuesday, October 22, 2024

Daily Archives: Apr 12, 2020

किसी ख़्वाब में- मनोज कुमार

कभी-कभी रात कुछ कहती है, कान में धीरे से हौले से आकर, क्यों इतनी मोहब्बत है मुझसे, कितनी बेक़रारी से जागते हो, मुझसे प्यार भी है तुमको या, किसी...

क्यूं उलझा रक्खा है- डॉ एस. शेख

क्यूं उलझा रक्खा है सबको? ये मसले सुलझा क्यूं नहीं देता? तेरी आरजू में मर मिटे हैं, तुझे चाहने वाले लोग, किसी रोज़ तू अपना जलवा, क्यूं दिखा नहीं...

निर्धन- वीरेन्द्र तोमर

दर्द उनके उठा तो खबर बन गई बात हौदे की थी, चमक सत्ता की वो बात थोडी सी थी पर खबर बन गई कोई बंदन कर रहा,...

घर की परिधि- सुजाता प्रसाद

सूरज की रोशनी बिखर कर जम सी गई है मायूसी में लिपटी जिंदगी कुछ थम सी गई है ग़म भी पिघल रहा नहीं खुशी छुप सी...

महफ़िल महफ़िल तन्हाई- अनामिका वैश्य

है महफ़िल महफ़िल तन्हाई ये बात समझ में अब आई खुशियों ने करवट बदली है दर्दों ने ली है अँगड़ाई मुझे समझना दिल से तुम करना नहीं कभी रुसवाई जब...

मिलन- शैली अग्रवाल

उनसे मिलने की प्यास को अपने अश्कों से बुझाती हूँ एक दिन होगा मिलन, यही सोचकर हर अश्क पी जाती हूँ 🔸 🔹 🔸 आज फिर दिल की कसक, कसक ही...

प्रेम पूर्ण प्रेरणा- रकमिश सुल्तानपुरी

मातृ भक्ति पितृभक्ति भावना अपार हो पुत्र, पुत्रवत रहे कि भाइयों में प्यार हो शांतिप्रिय आचरण सहेजती हो वल्लभा सौम्यता खिले मिले स्वभाव में शुमार हो हौसला मिले...

कोरोना- लील गया बैसाखी की खुशियां

बसंत ऋतु का आगमन अपने साथ हरियाली और रंग बिरंगे फूलोँ की बहार लेकर आता है। जिन्हें देखकर मन में बैठी निराशाओं को भी...

नारी शक्ति- प्रतिभा शर्मा

उठो धरा की वीर पूतानी दुष्टों का संहार करो। तुम काली, दुर्गा, चंडी बन एक नया अवतार बनो। कब तक ज़ुल्म सहोगी ऐसा तीव्र प्रहार करो। हाहाकार मचा दो सबमे एक...

अस्तित्व- प्रज्ञा मिश्रा

मैं क्या हूँ? कौन हूँ? कैसे हूँ? और क्यों हूँ? यह न सिर्फ, अहम प्रश्न है? जिसका उत्तर, मैं बरसों से, ढूंढ रही हूँ, यह एक गूढ रहस्य है, सर्वत्र चर्चा आम है, कि इसका...

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