मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत ग्रोइंग नेशन बनकर उभरा है और मध्यप्रदेश फ्यूचर रेडी स्टेट बनने की ओर तेजी से अग्रसर हो रहा है। भारत को विकसित, आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने का जो संकल्प प्रधानमंत्री श्री मोदी ने लिया है, उस संकल्प को पूरा करने में मध्यप्रदेश सकारात्मक भूमिका निभा रहा है। इस दिशा में हमने एक नई पहल करतें हुए उज्जैन से रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की शुरूआत की। प्रदेश में स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहन देने और राज्य में बड़ी औद्योगिक इकाईयों की स्थापना के लिये प्रदेश और देश के बड़े उद्योगपतियों को आमंत्रित किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय खनन कॉन्क्लेव का होना प्रदेश के लिये सुखद अनुभूति रही। इस दो दिवसीय कॉन्क्लेव में विभिन्न 11 औद्योगिक संस्थानों की ओर से 19,650 करोड़ रूपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए जो अभूतपूर्व है।
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि खनिज एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें अपार आर्थिक संभावनाएँ हैं। खनिज क्षेत्र में रोजगार उत्पन्न करने और देश की इकोनॉमी को तेजी से ऐक्सेलरेट करने की क्षमता भी है। खनिज क्षेत्र में आत्मनिर्भर कर हम विदेशी मुद्रा की भी बड़ी बचत कर सकते हैं। वैश्विक अस्थिरता के दौर में खनन क्षेत्र में बहुत बड़ी ताकत होगी। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में देश में खनिज क्षेत्र में नई क्रांति आई है। भोपाल में हुई खनन कॉन्क्लेव में खनिज अन्वेषण को गति देना, खनिज प्र-संस्करण, नवीन तकनीकों का उपयोग और पर्यावरण सुरक्षा जैसे विषय पर हुए वैचारिक मंथन से निकला अमृत खनन क्षेत्र में जरूरी नीतिगत सुधारों की पहचान करने और उन्हें लागू करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मध्यप्रदेश में देश की खनिज कैपिटल बनने का भरपूर पोटेंशियल है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश देश के प्रमुख खनिज राज्यों में से एक है। देश की कुल खदानों में हमारी भागीदारी 20 प्रतिशत है। प्रदेश मैंगनीज तथा तांबा अयस्क के उत्पादन में देश में प्रथम, रॉक फॉस्फेट के उत्पादन में द्वितीय, चूना पत्थर के उत्पादन में तीसरे एवं कोयला उत्पादन में चौथा स्थान पर हैं। प्रदेश में मलाज़खण्ड की तांबे की खदान भारत की सबसे बड़ी तांबा खदान है। यहाँ से प्रतिदिन 5 से 10 हजार टन तांबा निकाला जाता है। भारत के कुल ताम्र भण्डार का 70 प्रतिशत मध्यप्रदेश में है। मध्यप्रदेश, देश का हीरक प्रदेश भी है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में खदानों एवं खनन उत्पादों की डिजिटल मॉनिटरिंग की व्यवस्था की जा रही है। अवैध उत्खनन और परिवहन रोकने के लिए एआई-आधारित आई-चैकगेट लगाने की योजना भी है। मध्यप्रदेश, खनिज ब्लॉक नीलामी के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर पहले नंबर पर है। मध्यप्रदेश में 78 खनिज ब्लॉक सफलतापूर्वक नीलाम किए गये जो देश में सर्वाधिक है। साफ नीयत और पारदर्शी नीतियों से पिछले 5 वर्षों में खनिज राजस्व दोगुना हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। इसके पहले प्रदेश में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव और प्रदेश के बाहर महानगरों में रोड-शो कर जहॉ एक ओर निवेश की संभावनाओं को बढ़ाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर फरवरी 2025 में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की भूमिका भी तैयार हो रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम प्रगति के साथ ही प्रकृति का भी ध्यान रख रहे हैं। पेड़, पौधे, नदियां, जीव-जंतु एवं आने वाली पीढ़ियों के कल्याण की भावना हमारी खनन नीतियों का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कार्य प्रणाली ऐसी होना चाहिए जिससे हमारी धरती माता सदैव रत्नगर्भा बनी रहे। हमारे शरीर के विकास में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के साथ ही अन्य मिनिरल्स की महत्वपूर्ण भूमिका है, उसी तरह भारत के विकास में खनिज भी बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह हमारा दुर्भाग्य रहा कि आजादी के बाद एक लंबे समय तक हमारी सरकारों ने इस अपार संपदा के समुचित खनन, परिशोधन और प्र-संस्करण के लिये दूरदर्शी नीतियाँ नहीं बनाईं।
देश का हृदय प्रदेश होने और मजबूत रेल एवं रोड कनेक्टिविटी के कारण मध्यप्रदेश में खनन करने का मतलब है देश के हर हिस्से तक खनन उत्पादों की सीधी और त्वरित पहुँच। यह एक बहुत बड़ा स्ट्रैटेजिक लोकेशनल एडवांटेज है। संसाधनों की बहुलता, हमारी इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली नीतियों और मजबूत बुनियादी ढाँचे के कारण मध्यप्रदेश में खनन उद्योग में निवेश और विकास की असीमित संभावनाएँ हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि केन्द्र और राज्य की डबल इंजन सरकार की नीयत और नीतियों के कारण प्रदेश में खनन इंडस्ट्री तेजी से आगे बढ़ रही है, जिसके परिणामस्वरूप खनन राजस्व पिछले चार वर्षों में 19% की वार्षिक चक्रवृद्धि दर से बढ़ा है। वित्तीय वर्ष 2020 में राजस्व 5 हजार करोड़ रुपए था, जो वर्ष 2024 में लगभग 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक पहुंच चुका है। पिछले 5 वर्षों में खनिज क्षेत्र से उत्पन्न राजस्व को दोगुना करने में सफल हुए हैं। खनिज ब्लॉक नीलामी के मामले में हाल ही में मध्यप्रदेश ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया है। लौह अयस्क, चूना पत्थर और बॉक्साइट खदानों की नीलामी के लिए हमें द्वितीय पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। ये उपलब्धियां हमारी सरकार की दूरदर्शी, पारदर्शी एवं त्वरित नीतियों का साक्षात प्रमाण है।प्रदेश में खनिजों के परिष्करण, परिशोधन, संवर्धन और संरक्षण के लिए मिशन मोड में कार्य किया जा रहा है।
प्रदेश में खनन गतिविधियां समृद्धि लाने के साथ ही सामाजिक सरोकार निभाने का जरिया भी बन रही हैं। राज्य में स्थापित जिला खनिज निधि (डीएमएफ) से प्रदेश में 7 हजार 530 से अधिक परियोजनाएँ पूर्ण की जा चुकी हैं, जिसका लाभ खनन प्रभावित क्षेत्र के लोगों को मिल रहा है। प्रदेश में शुरू हुई नई निवेश क्रांति से आजादी के अमृतकाल में मध्यप्रदेश फ्यूचर रेडी स्टेट बनने की और तीव्र गति से अग्रसर हो चुका है।