नई दिल्ली (हि.स.)। अमेरिकी स्पेशल फोर्सेज के साथ सैन्य अभ्यास ‘वज्र प्रहार’ करने के लिए भारतीय सेना की टुकड़ी शुक्रवार को अमेरिका रवाना हो गई। यह अभ्यास 2 से 22 नवंबर तक अमेरिका के इडाहो में ऑर्चर्ड कॉम्बैट ट्रेनिंग सेंटर में होगा। इसी तरह का पिछला अभ्यास दिसंबर, 2023 में मेघालय के उमरोई में हुआ था। भारतीय और अमेरिकी सेना के बीच एक साल के भीतर यह दूसरा सैन्य अभ्यास है। पिछला ‘युद्ध अभ्यास’ दो माह पूर्व सितंबर में राजस्थान में आयोजित किया गया था।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार इस संयुक्त सैन्य अभ्यास में दोनों सेनाओं की 45-45 कर्मियों वाली सैन्य टुकड़ियां हिस्सा लेंगी। भारतीय सेना की टुकड़ी का प्रतिनिधित्व स्पेशल फोर्सेज यूनिट्स और अमेरिकी सेना की टुकड़ी का प्रतिनिधित्व अमेरिका की ग्रीन बेरेट्स करेंगी। इस ‘वज्र प्रहार’ अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त रूप से कार्य करने और विशेष संचालन रणनीति के पारस्परिक आदान-प्रदान को बढ़ाकर भारत और अमेरिका के बीच सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना है।
यह अभ्यास रेगिस्तान, अर्ध रेगिस्तानी क्षेत्र में किया जाएगा, जो विशेष बलों की अभियान संबंधी संयुक्त क्षमताओं को बढ़ाएगा। यह सैन्य अभ्यास बेहतर शारीरिक फिटनेस, संयुक्त योजना और मिलकर काम करने के सामरिक अभ्यास पर केंद्रित होगा। अभ्यास के दौरान संयुक्त टीम मिशन, टोही मिशन, मानव रहित हवाई प्रणालियों का नियोजन, विशेष अभियानों को क्रियान्वित करने, ज्वाइंट टर्मिनल अटैक और विशेष अभियानों में मनोवैज्ञानिक युद्ध संबंधी विधियों पर ध्यान दिया जाएगा।
वज्र प्रहार अभ्यास दोनों देशों की सेनाओं को विशेष अभियानों को पूरा करने की सर्वोत्तम विधियों और अनुभवों को साझा करने में सक्षम करेगा। इस अभ्यास से दोनों देशों के सैनिकों के बीच अंतर-संचालन क्षमता, सौहार्द्र और साझा रणनीति विकसित करने में मदद मिलेगी।