Monday, November 25, 2024
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विजयपुर में मतदान से पहले हुई फायरिंग पर गरमाई सियायत, कमलनाथ और पटवारी ने उठाए सवाल

भाेपाल (हि.स.)। मध्य प्रदेश के श्योपुर में विजयपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के मतदान से ठीक पहले फायरिंग की घटना पर अब सियासत तेज हो गई है। इस पूरे मामले में राजस्थान के हिस्ट्री शीटर डकैत का नाम सामने आ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा हैं। उन्होंने आराेप लगाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी डकैताें का सहारा लेकर मतदाताओं को डराना चाहती है।

कमलनाथ ने मंगलवार सुबह अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट कर लिखा- ‘श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की वोटिंग से पहले आदिवासियों पर फ़ायरिंग की घटना अत्यंत चिंताजनक है। इस घटना में आदिवासी समुदाय के कई लोग घायल हो गए। इस घटना से स्पष्ट होता है कि विधानसभा उपचुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी क्षेत्र का माहौल ख़राब करना चाहती है और मतदाताओं को डराना चाहती है। वोटिंग से ठीक पहले इस तरह की वारदात क़ानून व्यवस्था और चुनाव के इंतज़ाम पर भी बेहद गंभीर सवाल खड़े करती है।’ पूर्व सीएम ने आगे लिखा कि ‘इस घटना से स्पष्ट हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी ख़रीद फरोख्त की राजनीति से बाज़ नहीं आ रही। वह विधायक तो ख़रीद सकती है लेकिन जनता को नहीं ख़रीद सकती, इसलिए मतदाताओं के ऊपर गोलियां चलायी जा रही हैं। मैं माननीय निर्वाचन आयोग से अपील करता हूँ कि उस घटना को अत्यंत गंभीरता से ले और विजयपुर विधानसभा में निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराएं।’

पूर्व मुख्यमंत्री ने एक और पाेस्ट कर कहा कि श्योपुर ज़िले के विजयपुर विधानसभा क्षेत्र में हो रहे उपचुनाव के मतदान से पहले आदिवासियों पर हुई गोलीबारी की घटना में इस तरह के आरोप सामने आए हैं कि राजस्थान से आये एक हिस्ट्री शीटर डकैत ने अपने साथियों के साथ मिलकर आदिवासियों के ऊपर हमला किया। दुर्भाग्य की बात है कि इस मुख्य आरोपी को बचाने की कोशिश भाजपा की पुलिस कर रही है। क्या भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश की राजनीति को इतने पतन के गर्त में ले जाएगी, जहाँ डाकुओं के बल पर चुनाव लड़े जाएंगे। पुलिस पैसा प्रशासन का इस्तेमाल करने के बावजूद भाजपा को यह स्पष्ट हो चुका है कि विजयपुर की जनता दलबदलुओं को सबक़ सिखाने वाली है, इसलिए आदिवासियों को वोट डालने से रोकने के लिए भाजपा डाकुओं का इस्तेमाल कर रही है। भाजपा लोकतंत्र को डकैत तंत्र बनाना चाहती है लेकिन कांग्रेस पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता और प्रदेश की जनता ऐसा किसी सूरत में नहीं होने देगी।

जीतू पटवारी ने लगाए गंभीर आराेप

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी भाजपा सरकार काे जमकर घेरते हुए गंभीर आराेप लगाए। उन्हाेंने साेशल मीडिया एक्स पर पाेस्ट कर कहा कि विजयपुर में आज प्रचार समाप्त हुआ और भाजपा द्वारा मतदाताओं पर अत्याचार शुरू हो गया। भाजपा इस चुनाव को भी लाल स्याही से रंग रही है। एक ओर आचार संहिता लागू है, और दूसरी ओर रामनिवास रावत के हथियारबंद गुंडे आदिवासी भाइयों पर गोली चला रहे हैं। मैं लगातार कहता आ रहा हूं कि विजयपुर के कलेक्टर और प्रशासन की भाजपा से सांठ-गांठ है। इस बात को गंभीरता से नहीं लिया गया, और अब उसके परिणाम हमारे सामने हैं। चुनाव आयोग से मेरी मांग है कि विजयपुर के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए, ताकि विजयपुर में भयमुक्त और लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव हो सकें। यदि शासन, प्रशासन और भाजपा के सिंडिकेट को नहीं रोका गया, तो लोकतंत्र के लिए यह चुनाव और भी खतरनाक साबित हो सकता है।

जीतू पटवारी ने एक अन्य पाेस्ट के माध्यम से कहा विजयपुर में आदिवासी मतदाताओं पर गोली चलाने वाला डकैत बंटी रावत है, जो राजस्थान के करौली का रहने वाला है। भाजपा अब राजस्थान से गुंडे इम्पोर्ट कर मध्य प्रदेश की आम जनता पर गोलियां चलवा रही है। यह गुंडा 12 साल से डकैती कर रहा है, हिस्ट्रीशीटर है, जिस पर अनगिनत मुकदमे दर्ज हैं और जो कई बार जेल जा चुका है। इसके बावजूद विजयपुर की पुलिस आरोपी का नाम छुपा रही है! अगर यह भाजपा और प्रशासन की मिलीभगत नहीं है, तो और क्या है? चुनाव में हार का डर सताने पर भाजपा अब राजस्थान के डकैतों का सहारा लेकर मध्य प्रदेश के मतदाताओं को डरा-धमका रही है। चुनाव आयोग से अपील है कि तुरंत हस्तक्षेप कर विजयपुर में लोकतंत्र की हत्या को रोके और भयमुक्त चुनाव सुनिश्चित करे।

ये है पूरा मामला

दरअसल, श्योपुर के धनाचया गांव में सोमवार की रात तीन से चार बाइक पर सवार होकर आए 8 से 9 हथियारधारी बदमाशों ने आदिवासी समाज के ग्रामीणों से पहले आधारकार्ड और मतदाता पर्ची देने को कहा। जब ग्रामीणों ने कहा कि अगर आधार कार्ड और पर्ची तुम्हें दे देंगे तो वोट कैसे डालेंगे। इसके बाद आरोपियों ने लाठी डंडों से आदिवासियों के साथ मारपीट शुरू कर दी। ग्रामीणों ने विरोध किया तो वह बंदूकों से अंधाधुंध फायरिंग कर वहां से भागने लगे। तभी एक आरोपी को ग्रामीणों ने बंदूक के साथ पकड़ लिया और पिटाई के बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया।

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