महाकौशल विज्ञान परिषद द्वारा जबलपुर के वेटरनरी कॉलेज में आयोजित महाकौशल विज्ञान मेले में एमपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी का स्टॉल आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार की थीम पर जबलपुर में पहली बार आयोजित महाकौशल विज्ञान में नवीनतम तकनीक का उपयोग कर बनाए गए गैस इंसुलेटेड सब-स्टेशन का मॉडल, परंपरागत एयर इंसुलेटेड सब-स्टेशन के मॉडल के साथ ट्रांसमिशन लाइन में उपयोग किए जाने वाले परंपरागत लेटिस टावर, मोनोपोल तथा भारत में बहुत कम उपयोग की जाने वाली अंडरग्राउंड 132 केवी ट्रांसमिशन केबल, पावर ट्रांसफार्मर और सबस्टेशन इलिमेंट्स के बचाव के लिए उपयोग की जाने वाली प्रोटेक्शन रिले, ट्रांसमिशन लाइनों के फाल्ट ढूंढने में उपयोग किया जाने वाला फॉल्ट लोकेटर (जो यह बता देता है कि फॉल्ट कितनी तीव्रता का और कितनी दूरी पर है) प्रदर्शित किये गए हैं।
इसके अलावा ट्रांसमिशन लाइनों के लिए उपयोग में आने वाले विभिन्न प्रकार के कंडक्टर, ट्रांसमिशन टावरों के क्षतिग्रस्त होने पर इमरजेंसी के समय उपयोग किए जाने वाले ईआरएस टावर, ट्रांसमिशन नेटवर्क में उपयोग किए जाने वाले कम्युनिकेशन उपकरणों के बारे में भी विज्ञान में दर्शाया गया है।
हॉटलाइन सूट बना आकर्षण का केंद्र
विज्ञान मेले में विशेष तकनीक और मटेरियल से बना इंसूलेटेड सूट के साथ प्रदर्शित एक मॉडल बेहद आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, जिसे पहनकर बेयर हैंड तकनीक के द्वारा ट्रांसमिशन लाइनों के 400 केवी, 220 केवी, 132 केवी वोल्टेज लेवल पर चालू लाइन में सुधार कार्य किया जा सकता है। इसके अलावा सब-स्टेशन में उपयोग आने वाले विभिन्न उपकरणों के मॉडल भी प्रदर्शित किए गए हैं।
ट्रांसमिशन सिस्टम में उपयोग किए गए कम्युनिकेशन उपकरणों की विकास यात्रा दर्शाता एक दिलचस्प माडल कम्यूनिकेशन में रुचि रखने वाले युवा वर्ग के साथ स्कूल कालेज के विद्यार्थियों की पसंद का केंद्र बना हुआ है।
इन कार्मिकों का रहा विशेष सहयोग
महाकौशल विज्ञान मेले में एमपी ट्रांसको के स्टॉल को भव्य, आकर्षक और विविध प्रौद्योगिकी जानकारी से परिपूर्ण बनाने में एमपी ट्रांसको के मुख्य अभियंता संदीप गायकवाड, प्रवीण कुमार गार्गव के साथ डीके अग्रवाल, अनिल लाठी, एपीएस चौहान, मयंक पंजवानी, नरेन्द्र पटेल, विलास नघट, जितेंद्र तिवारी, एसए अली, विस्टा कनिष्क, मयंक चौबे का विशेष योगदान और प्रयास रहा है।