नोएडा (हि.स.)। यू मुंबा के कप्तान सुनील कुमार ने सोमवार को नोएडा इंडोर स्टेडियम में बेंगलुरु बुल्स के खिलाफ 34-32 के स्कोर के साथ रोमांचक जीत हासिल करने के बाद इतिहास रच दिया। सुनील कुमार ने प्रो कबड्डी लीग के इतिहास में कप्तान के रूप में सबसे अधिक जीत दर्ज करने के मामले में फज़ल अत्राचली के रिकॉर्ड की बराबरी की, दोनों खिलाड़ियों के नाम कप्तान के रूप में 73 जीत हैं।
इतिहास की किताबों में अपना नाम दर्ज कराने के बाद सुनील ने कहा, “नहीं, मैं खेल से पहले रिकॉर्ड के बारे में नहीं सोच रहा था क्योंकि मुझे यह याद नहीं था। मैं केवल टीम के लिए जीत हासिल करना चाहता था। जीतना महत्वपूर्ण था क्योंकि जयपुर पिंक पैंथर्स, पुनेरी पल्टन और तेलुगु टाइटन्स जैसी टीमें अंक तालिका में हमारे करीब हैं। इसलिए, जीतना महत्वपूर्ण था। मैंने कभी भी रिकॉर्ड की बराबरी करने या उस तरह की किसी चीज़ के बारे में नहीं सोचा था।”
उन्होंने सीजन के बाकी बचे मैचों के लिए अपनी महत्वाकांक्षाओं को भी सामने रखा और यू मुंबा के लिए ट्रॉफी जीतने की इच्छा जताई।
सुनील ने कहा, “यू मुंबा ने दूसरे सीजन के बाद से ट्रॉफी नहीं जीती है और पिछले 3-4 सीजन में प्लेऑफ में जगह नहीं बना पाई है। इसलिए, हमारा लक्ष्य यू मुंबा के लिए क्वालीफाई करना और ट्रॉफी जीतना है।”
कप्तान ने बताया कि उनकी टीम इस सीजन में ज्यादातर समय अच्छा प्रदर्शन कर रही है, साथ ही उन्होंने उन क्षेत्रों पर भी बात की, जिन पर उन्हें तेलुगू टाइटन्स के खिलाफ अपने अगले मैच से पहले सुधार करने की जरूरत है।”
उन्होंने कहा, “टीम के लिए यह बहुत अच्छी बात है कि हम अब दूसरे स्थान पर हैं। हालांकि, पहले 35 मिनट में टीम का प्रदर्शन प्रभावशाली रहा। हमने उस अवधि में अच्छा खेला, लेकिन उसके बाद हम उतना अच्छा नहीं खेल पाए। हम हर गेम में एक ही गलती कर रहे हैं। मैच के आखिरी पांच मिनट में टीम ज्यादा अंक गंवा रही है और रेडर पकड़े जा रहे हैं। अच्छी बात यह है कि मंजीत अब अपनी फॉर्म में आ रहे हैं। उन्होंने सुपर टैकल किया और हमें दो अंक दिलाकर मैच जिताया।”
अपनी उपलब्धि पर सुनील ने कहा, “मैं अपने रिकॉर्ड से खुश हूं। फ़ज़ल मेरी तुलना में सीनियर खिलाड़ी हैं और मुझसे पहले लीग में खेल चुके हैं। इस जीत के बाद मैंने कप्तान के तौर पर उनके रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। इसलिए, मैं वाकई बहुत खुश हूं। मैं कोशिश करता रहूंगा और सुनिश्चित करूंगा कि टीम मैच जीते और मैं अच्छा खेलता रहूं।”