बिजली कंपनी ने उपभोक्ताओं की सुविधा और त्वरित कार्य की दृष्टि से कार्यालयीन प्रक्रिया में बदलाव किया है। इसके तहत मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा निर्णय लिया गया है कि स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना (ओवायटी) के वर्क ऑर्डर सुपरविजन का कार्य प्रबंधक ओएंडएम द्वारा किया जाएगा। गौरतलब है कि पूर्व में यह कार्य उप महाप्रबंधक (एसटीसी) द्वारा निष्पादित किया जाता था।
नये निर्देशों के तहत ओवायटी के कार्य का सुपरविजन के कार्यादेश प्रबंधक ओएंडएम को जारी किया जाएगा और सहायक प्रबंधक/प्रबंधक की अनुशंसा पर उप महाप्रबंधक ओएंडएम द्वारा कार्यपूर्णतः प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा जिसके आधार पर कंपनी के नियमानुसार ट्रांसफार्मर की चार्जिंग की जाएगी।
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने कहा है कि सामग्री और कार्य की गुणवत्ता तथा उपभोक्ताओं को ओवायटी कनेक्शन त्वरित गति से मिलने की सहूलियत की दृष्टि से यह व्यवस्था लागू की गई है।
इस नई व्यवस्था से उपभोक्ताओं के ओवायटी योजना में ट्रांसफार्मर स्थापना के कार्य त्वरित गति से होंगे। गौरतलब है कि ओवायटी योजना अंतर्गत ट्रांसफार्मर लगाने के लिए कंपनी की ऑनलाइन व्यवस्था में आवेदक से प्राप्त आवेदन कंपनी के रजिस्टर्ड ‘अ’ श्रेणी के ठेकेदारों द्वारा कराया जाता है।
फायदे
- ओवायटी लगाने की प्रक्रिया का सरलीकरण।
- अधिकारियों द्वारा कार्य का बेहतर सुपरविजन।
- मैदानी स्तर पर ट्रांसफार्मर स्थापना का कार्य गुणवत्तापूर्ण होगा।