मेरा भारत गांव को लौट रहा
जीवन के नये मायने तलाश रहा
शहरों की चका चौंध से दूर
गांव के सादे जीवन को तरस रहा
मेरा भारत गांव को लौट रहा
चाहे बहाना कुछ भी हो
असली जिंदगी को तरस रहा
शहरों की गाड़ी खींचते
विकास की राह बनाते
मेरा भारत गांव को लौट रहा
महामारी का कहर बढ़ रहा
जन जीवन अस्त व्यस्त हो रहा
जिन्हें था पैसों का घमंड
आज किसानों के सहारे जी रहा
मेरा भारत गांव को लौट रहा
कभी भारत गांव का देश रहा
कभी रोजी रोटी के लिए पलायन कर रहा
आत्मनिर्भरता की नई सोच बदल रहा
आज गांवों की गरिमा को समझने लगा
मेरा भारत गांव को लौट रहा
प्रकृति का अंधाधुन दोहन
सुखी धरती सुनी सड़कें
डरे सहमे से लोग
आज हमें सीखा रहा
प्रकृति से संतुलन करना
अभी समय है सीख लेने का
किसानों व मजदूरों के सम्मान का
मेरे देश के पालनहार का
गांवों के जीवन को तरस रहा
मेरा भारत गावों को लौट रहा
-डॉ भवानी प्रधान
रायपुर, छत्तीसगढ़