बुरहानपुर (हि.स.)। इंदौर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने गुरुवार रात 8:30 बजे बुरहानपुर शहर के लालबाग थाने में पदस्थ एक पुलिसकर्मी को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया है। यह रिश्वत लालबाग थाने में पदस्थ पुलिसकर्मी ने नहीं मांगी थी, बल्कि नेपानगर थाने में पदस्थ एक प्रधान आरक्षक ने उसे एक व्यक्ति से 50 हजार रुपये लेकर रखने को कहा था। फिलहाल लोकायुक्त ने लालबाग थाने में पदस्थ पुलिसकर्मी पवन शर्मा और नेपानगर थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक दयाराम सिलवेकर के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है, जबकि एक अन्य आरक्षक का नाम भी सामने आने पर विवेचना में लेने की बात कही।
लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल ने बताया कि दीपक पाटिल नामक एक व्यक्ति ने लोकायुक्त इंदौर एसपी को शिकायत की थी कि नेपानगर थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक उनके दोस्त अभिजीत मस्कर से 50 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा है। बोल रहा है कि इनके पास चोरी की बाइक है। एफआईआर में नाम नहीं जोड़ने के लिए खर्चा पानी लगेगा।
उसने बताया था कि अभिजीत मस्कर का मलकापुर में ईंट बनाने का काम है। एक साल पहले उन्होंने नेपानगर के ठेकेदार इरफान को मजदूरों के लिए 50 हजार रुपये दिए थे, लेकिन लैबर काम पर नहीं गई तो अभिजीत ने अपना पैसा वापस मांगा। तब इरफान वापस मजदूर के पास आया और एक व्यक्ति की बाइक लेकर मलकापुर चला गया। मजदूर ने इसकी शिकायत नेपा थाने में की। बाइक जब्त करने के लिए प्रधान आरक्षक दयाराम सिलवेकर व एक अन्य वहां गए और ट्रेस किया। अभिजीत से संपर्क किया और कहा कि एफआईआर में नाम नहीं आएगा, इसके लिए खर्चा पानी करना पड़ेगा। इसके बाद आवेदक को 50 हजार की रिश्वत मांगे जाने पर कॉल रिकार्डिंग के लिए भेजा गया। गुरुवार को ट्रैप दल का गठन किया। दयाराम सिलवेकर को दीपक पाटिल ने कॉल किया तो उसने कहा कि मैं बाहर हूं। साथी को भेजता हूं तब पवन शर्मा आया और उसे 50 हजार की रिश्वत लेते दबोच लिया गया। नेपानगर थाने के एक कॉन्स्टेबल का नाम भी सामने आया है जो विवेचना में है। उन्होंने बताया इस मामले में दयाराम सिलवेकर मुख्य आरोपी है। पवन शर्मा निर्दोष है या नहीं यह विवेचना का विषय है। फिलहाल दो आरोपी बनाए गए हैं।
मलकापुर जिला बुलढाणा महाराष्ट्र निवासी दीपक पाटिल ने बताया प्रधान आरक्षक ने बाइक चोरी के फर्जी केस में मुझे और मेरे दोस्त अभिजीत मस्कर को फंसाने की धमकी दी जा रही थी। इसकी शिकायत लोकायुक्त में की। एक दिन पहले नेपानगर थाने में पदस्थ दयाराम सिलवेकर ने कहा कि आज की तारीख में पैसा मिल जाना चाहिए। मैं बुरहानपुर पहुंचा और कॉल किया तो दयाराम सिलवेकर ने कहा कि लालबाग थाने में पवन शर्मा है उसे पैसा दे दो। जब पैसा दिया तो लोकयुक्त ने उसे पकड़ा।
दीपक पाटिल ने कहा फर्जी टू-व्हीलर केस में मुझे और दोस्त अभिजीत को फंसाने का कह रहे थे। अभिजीत का मलकापुर में ईंटों का कारखाना है। एक अन्य पुलिसकर्मी और दयाराम सिलवेकर कॉल करते थे। पहले भी पैसा दिया था। दरअसल, हमारा ईंटों का काम है। नेपानगर से लेबर बुलवाते हैं। इसके लिए लैबर कांट्रेक्टर को हमने पैसा दिया था। उसने लैबरों को पेमेंट कर दिया, लेकिन वह काम पर नहीं आ रहे थे तो लैबर कांट्रेक्टर ने उसकी बाइक उठा ली थी। उसके चक्कर में हमें परेशान कर बाइक चोरी के मामले में फर्जी केस बनाने की बात कहकर परेशान किया जा रहा था।