Saturday, December 14, 2024
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डीएमएफ घोटालाः निलंबित आईएएस रानू साहू और 9 अन्य की 21. 47 करोड़ रुपये की संपत्ति ईडी ने की कुर्क

रायपुर (हि.स.)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के रायपुर क्षेत्रीय कार्यालय ने एक आदेश के तहत निलंबित जिला खनिज निधि (डीएमएफ) घोटाले के आरोपितों निलंबित आईएएस रानू साहू, माया वारियर, राधेश्याम मिर्झा, भुवनेश्वर सिंह राज, वीरेंद्र कुमार राठौर, भरोसा राम ठाकुर, संजय शेंडे, मनोज कुमार द्विवेदी, हृषभ सोनी और राकेश कुमार शुक्ला की 21.47 करोड़ रुपये मूल्य की अचल और चल संपत्तियों को अनंतिम रूप से कुर्क किया है। इनमें जमीन, आवासीय संपत्तियां, सावधि जमा और बैंक बैलेंस सहित सम्पत्तियां शामिल हैं। इस मामले की जांच धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत की गई है।

ईडी द्वारा मंगलवार को दी गई जानकारी के अनुसार मामले में आईपीसी 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत छत्तीसगढ़ पुलिस की ओर से दर्ज तीन अलग-अलग एफआईआर के आधार पर विभाग ने जांच शुरू की जिसमें आरोप लगाया गया था कि राज्य सरकार के अधिकारियों ने ठेकेदारों के साथ मिलीभगत करके जिला खनिज निधि (डीएमएफ) को हड़पने की साजिश रची। डीएमएफ ठेकों को धोखाधड़ी से हासिल करने के लिए ठेकेदारों ने भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों को अनुबंध मूल्य का 15 प्रतिशत से 42 प्रतिशत तक कमीशन/अवैध रिश्वत का भुगतान किया।

ईडी की जांच में डीएमएफ घोटाले की कार्यप्रणाली का पता चला है। ठेकेदारों के बैंक खाते में जमा की गई धनराशि का बड़ा हिस्सा ठेकेदारों द्वारा सीधे नकद में निकाल लिया गया था या आवास प्रवेश प्रदाताओं को हस्तांतरित कर दिया गया था, जिसके बदले ठेकेदारों को नकद राशि प्राप्त हुई थी। आवास प्रवेश प्रदाताओं के साथ इन लेन-देन को विक्रेताओं द्वारा बिना किसी वास्तविक खरीद के माल की खरीद के रूप में दिखाया गया था। विक्रेताओं द्वारा प्राप्त की गई नकदी का उपयोग डीएमएफ कार्य आवंटित करने और/या इस संबंध में विक्रेता के बिलों को मंजूरी देने के लिए जिम्मेदार सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने के उद्देश्य से किया गया था और इस नकदी का कुछ हिस्सा विक्रेताओं द्वारा अपने लाभ के लिए भी इस्तेमाल किया गया था।

जांच के दौरान, ईडी ने ठेकेदारों, लोक सेवकों और उनके सहयोगियों के विभिन्न परिसरों में कई तलाशी ली थी और 2.32 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी और आभूषण जब्त किए गए थे। जांच में जब्त की गई उक्त राशि डीएमएफ कार्यों के निष्पादन के दौरान इन लोक सेवकों द्वारा प्राप्त रिश्वत राशि का हिस्सा थी। इस मामले में अब तक अपराध से प्राप्त कुल आय (पीओसी) 90.35 करोड़ रुपये है, जिसमें 9 दिसंबर तक 23.79 करोड़ रुपये मूल्य की अचल और चल संपत्तियां अनंतिम रूप से कुर्क/जब्त/फ्रीज कर दी गई हैं।

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