Sunday, March 16, 2025
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मध्य प्रदेश में ऑपरेशन ‘वाइल्ड ट्रैप’ से वन अपराधों के लिए 429 आरोपी गिरफ्तार

मध्यप्रदेश वन एवं वन्य-जीव संपदा की दृष्टि से सम्पन्न प्रदेश है। विशाल वन क्षेत्र एवं वन्य-जीवों की बहुलता के कारण इनके संरक्षण, संवर्धन एवं वैज्ञानिक प्रबंधन के लिये वन विभाग द्वारा अपनी विशिष्ट पहचान बनायी गयी है। प्रदेश में 11 राष्ट्रीय उद्यान, 8 टाइगर रिजर्व, 63 सामान्य वन मण्डल और 11 परियोजना मण्डल हैं।

प्रदेश में वन्य-जीवों के वास-स्थल पर बढ़ते जैविक दबाव के कारण शिकार परिवहन एवं संगठित गिरोह द्वारा राज्य एवं राज्य के बाहर ही नहीं, अपितु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी वन्य-जीवों की तस्करी, शिकार जैसे अपराध को रोकने के अभियान चलायें जाते रहे है। वन विभाग द्वारा एक दिसम्बर, 2024 से 31 जनवरी, 2025 तक प्रदेश स्तरीय ऑपरेशन वाइल्ड ट्रैप चलाया गया, जिसमें वन अपराधों में 429 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

वन विभाग द्वारा ऑपरेशन “वाइल्ड ट्रैप’’ अंतर्गत शीत ऋतु में वन अमले द्वारा संवेदनशील वन क्षेत्रों में वनोपज एवं वन्य-जीव की सुरक्षा के लिये सामूहिक गश्ती की गयी। वनोपज के व्यापार एवं शिकार में प्रयुक्त फंदा, विद्युत करेंट, खटका को जप्त किया गया। वन्य-जीव का शिकार करने वाले आदतन आरोपियों की निगरानी की गयी। वन अमले द्वारा टाइगर रिजर्व, सामान्य वन मण्डल, परियोजना मण्डल, राष्ट्रीय उद्यान में नियुक्त नोडल अधिकारी द्वारा अधीनस्थ कार्य क्षेत्र में ऑपरेशन वाइल्ड ट्रैप कर वन अपराधों में लिप्त आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य-जीव शुभरंजन सेन ने बताया कि ऑपरेशन वाइल्ड ट्रैप के अंतर्गत वन विभाग के स्थानीय अमले द्वारा विगत 2 माह में टाइगर रिजर्व, सामान्य वन मण्डल, परियोजना मण्डल और 15 श्वान दल द्वारा दिशा-निर्देशों के अनुरूप सुचारु संपादन करते हुए वन्य-जीव सुरक्षा के प्रति अपने समर्पण को प्रदर्शित किया गया।

पीसीसीएफ शुभरंजन सेन ने बताया कि प्रदेश में “ऑपरेशन वाइल्ड ट्रैप’’ दल में वन विभाग के 22 हजार 610 अधिकारी-कर्मचारी शामिल थे। दल द्वारा 931 वन अपराध प्रकरण दर्ज किये गये। इसमें निगरानीशुदा आरोपियों की संख्या 3160, गिरफ्तार आरोपियों की संख्या 429 और 328 वाहन जप्त किये गये।

पीसीसीएफ शुभरंजन सेन ने बताया कि ऑपरेशन वाइल्ड ट्रेप में वन क्षेत्र में 8 लाख 28 हजार 518 किलोमीटर पैदल और 17 लाख 83 हजार 10 किलोमीटर वाहन द्वारा गश्ती की गयी। संगठित वन्य-जीव अपराध नियंत्रण एवं अन्वेषण के लिये आधुनिक तकनीक एवं प्रौद्योगिकी को अपनाया गया। उन्होंने कहा कि उक्त ऑपरेशन में समर्पण, निष्ठा एवं मेहनत से कार्य करने वाले शासकीय सेवकों को विशिष्ट अवसर पर सम्मानित किया जायेगा।

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