वन रक्षकों, वनपालों और उप वन क्षेत्रपालों के विरूद्ध कर्तव्य करते हुए अग्नि या दुर्घटनाएं होने पर भी पुलिस थानों में मामले दर्ज किए जाते है, जबकि दण्ड प्रक्रिया की संहिता की धारा 197 के तहत वन अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अपने कर्तव्य निर्वहन के दौरान आग्नेय शस्त्र का उपयोग अथवा चालन करते है तो ऐसे मामलो में जिला दण्डाधिकारी द्वारा आदेशित दण्डाधिकारी जांच में यह सिद्ध नहीं हो जाता कि आग्नेय शस्त्र का उपयोग अथवा चालन अनावश्यक, अकारण अथवा आवश्यकता से अधिक बल प्रयोग करने के लिये किया गया है, उसके पश्चात ही पुलिस थानों मे मामले दर्ज किए जाने चाहिए।
वन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा बल प्रयोग एवं शस्त्र प्रयोग के संबंधी नियमों के संबंध में,अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अपराध अनुसंधान पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा समस्त अधिकारियों को स्मरण पत्र जारी किया गया है।
मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के जिला प्रभारी रजनीश विश्वकर्मा, जिला संयोजक अटल उपाध्याय, सह संयोजक देवेंद्र पचौरी, नरेश शुक्ला, आलोक अग्निहोत्री, ब्रजेश मिश्रा, शहजाद सिंह द्विवेदी, ब्रजेश दीक्षित, निर्मल लोधी, रामदास बरकडे, बीरेंद्र तिवारी,मनोज सिंह, परस राम तिवारी, रविंद्र कुमार राय, राकेश कुमार वर्मा, दिल राज झारिया, मुकेश सिंह, योगेन्द्र मिश्रा, शैलेश गौतम,आदित्य पांडे,मनीराम पटेल, विनय नामदेव, अजय दुबे, रजनीश पांडे, संजीव उर्मलिया ने बिना जांच के वन अधिकारियों और कर्मचारियों पर मामला दर्ज ना किए जाने की मांग की है, इससे अधिकारी एवं कर्मचारी अपने कर्तव्य का निर्वहन वन विभाग और शासन हित में कर सकेंगे