भारतीय रेल में संरक्षा वर्ग स्टाफ की भारी कमी के कारण रेल परियोजनाएं प्रभावित हो रही हैं। इसको देखते हुए रेलवे बोर्ड ने पहली बार रेलवे के संरक्षा वर्ग में रिक्त पदों पर आउटसोर्सिंग पर नियुक्ति के लिए हरी झंडी दे दी है। रेलवे के इंजीनिर्यंरग, इलेक्ट्रिकल, सिग्नल और टेलीकॉम विभाग में हजारों युवाओं को नौकरी करने का मौका मिलेगा।
हालांकि बताया जा रहा है कि रेलवे में संरक्षा काफी संवेदनशील मामला है इसलिए रेलवे बोर्ड ने आउटसोर्स पर नियुक्तियों को दो साल के लिए प्रयोग के तौर पर शुरू किया है। सब ठीक रहा तो इस योजना को आगे बढ़ाया जाएगा। खाली पदों के कारण रेलवे की चालू परियोजनओें आने वाली अड़चनों को देखते हुए रेलवे बोर्ड की बैठक में संरक्षा वर्ग में ठेके पर नियुक्ति पर सहमति बनने के बाद 13 जुलाई को सभी महाप्रबंधकों और उपक्रमों को आदेश जारी कर दिया गया।
सूत्रों ने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक रेलवे में संरक्षा वर्ग के 3.5 लाख पदों में से 25 फीसदी से अधिक रिक्त है। इस प्रकार रेलवे ठेके पर 87,000 से अधिक पदों पर भर्तियां कर सकता है। सबसे अधिक विद्युीतकरण की परियोजनाएं प्रभावित हो रही हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय रेल में विद्युतीकरण व निर्माण कार्य के लिए इंजीनिर्यंरग, इलेक्ट्रिकल व सिग्नल-टेलीकॉम विभाग में सीधी भर्ती की जाएंगी। शैक्षिक योग्यता के अलावा उनकी मेडिकल जांच अनिवार्य होगी। आउटसोर्सिंग पर होने वाली ये भर्ती दो साल के प्रयोग के तौर पर होगी। लेवल-6 के तहत होने वाली भर्तियों में 25 हजार, 27 और 30 हजार रुपये प्रति माह वेतन दिया जाएगा। वहीं, लेवल-7 में 32 हजार, 34 और 37 हजार वेतन मिलेगा। इसके अलावा दूसरी श्रेणी (ए) का ड्यूटी पास भी दिया जाएगा।