तू माने या न माने मैं तुझसे ये बात कहती हूं,
तेरी आँखों के पानी में हमारा नाम लिक्खा है
कतरा कतरा करके मेरी याद में बहता रहता है,
तेरी आँखों का पानी नहीं, मेरा खून बहता है
तेरी आंँखों के पानी में,
हमारा नाम लिक्खा है
मेरी याद में तेरी दिन गुजरता, शाम ढलती है
रात फिर से तेरी तनहाई की नई कहानी लिखती है,
तेरी तनहाई के किस्से हमने मुंह जबानी याद रक्खे हैं
तेरी आँखों के पानी में,
हमारा नाम लिक्खा है
मेरी यादों की घटाएं झूम कर फलक में उड़ती हैं,
तेरी तन्हाई की बारिश में, मैं अपना तन भिगोती हूं,
तेरी यादों की घटाओं संग मेरी आँखें भी रोती हैं
तेरी आंँखों के पानी में,
हमारा नाम लिक्खा हैं
कतरा कतरा करके मेरी याद में बहता रहता है,
तेरी आँखों का पानी नहीं, मेरा खून बहता है
तेरी आंँखों के पानी में,
हमारा नाम लिक्खा है
प्रार्थना राय
देवरिया, उत्तर प्रदेश