आजकल कोरोना-काल में
ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है
मेरी एक छात्रा ने कहा एक दिन-
सर पापा कोरोना से बीमार हैं
असाइनमेंट अभी दे नहीं पाऊँगी
मैंने कहा-
पिता पहले है
असाइनमेंट उसके बाद
दो चार रोज बाद
संदेश आया उसका-
पापा चले गये
हमें अकेला छोड़कर
मैं बहन-भाईयों में बड़ी हूँ
तीन मुझसे छोटे और हैं
पहले मम्मी और बहन-भाईयों को सम्भालूंगी
और फुरसत मिली तो
फिर अपने-आप को
कुछ दिन क्लास नहीं ले पाऊँगी
यह पढ़कर
मैं अंदर ही अंदर देर तक छटपटाता रहा
कुछ कह नहीं पाया
बीए प्रथम वर्ष की उस छात्रा को
बस मन ही मन सोचता रहा
शिक्षक वह नहीं जिसके पास किताबी ज्ञान है
सच्चा शिक्षक तो वह है
जो जीवन को पढ़ना जानता है
जसवीर त्यागी
नई दिल्ली