खुशी: जसवीर त्यागी

बच्चा काफी देर से
बर्फ़ का गोला लेने की
ज़िद पर अड़ा है

पिताजी बालक की माँग को
अनसुना कर रहे हैं
लेकिन!शायद वो भूल रहे हैं
बच्चें रुचियों के राजा होते हैं
जो एक बार ठान लेते हैं
उसे पाकर ही रहते हैं

बच्चा बर्फ़ का गोला लेकर खुश है
पिता बच्चे को देखकर खुश हैं
गोला बेचने वाला बेचकर खुश

ख़ुशी किसी एक रूप में नहीं
अलग-अलग रूपों में
जन्म लेती है

किसी को लेकर
किसी को देकर
और किसी को देखकर ही
खुशी मिलती है

जसवीर त्यागी
दिल्ली