मध्यप्रदेश विद्युत परिवार हिन्दी समिति के तत्वावधान में हिन्दी महोत्सव 2023 का समापन विद्युत कार्मिकों की तात्कालिक निबंध प्रतियोगिता के साथ हुआ।
प्रतिभागियों ने ‘’मतदान का अधिकार: मतदान से कोई न चूके’’ विषय पर उत्साह से अपने विचार किए।
हिन्दी महोत्सव की विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को मुख्य अतिथि हिन्दी मर्मज्ञ डॉ निशा तिवारी व विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ रंगर्मी-सिनेमा अभिनेता आनंद मिश्रा ने पुरस्कृत किया।
इस अवसर पर हिन्दी समिति के संयोजक आलोक श्रीवास्तव, पावर जनरेटिंग कंपनी के संयुक्त सचिव मनीष कटारे, पावर ट्रांसमिशन कंपनी के जनसम्पर्क अधिकारी शशिकांत ओझा, हिन्दी समिति के महासचिव राजेश पाठक, विद्युत कार्मिक व विभिन्न प्रतियोगिता के प्रतिभागी उपस्थित थे।
मतदान विषय रहा केन्द्र बिन्दु
तात्कालिक हिन्दी निबंध प्रतियोगिता में दस से अधिक प्रतिभागियों को मतदान, पर्यावरण व हिन्दी के प्रचार-प्रसार में सिनेमा की भूमिका पर अपने मौलिक विचार व्यक्त करने थे। अधिकांश प्रतिभागियों ने ‘मतदान के अधिकार: मतदान से न चूकें’ विषय पर एक से बढ़ कर एक विचार व्यक्त किए। सभी प्रतिभागियों के विचार थे कि देश के नागरिकों को सबसे पहले अपना कर्त्तव्य निभाते हुए मतदान करना चाहिए। मतदान प्रक्रिया में सहभागी बन कर मतदाता होने पर गर्व महसूस करें। प्रतिभागियों ने मतदान करने के लाभ और मतदान न करने की हानियों के संबंध में विस्तार से अपनी बात रखी।
सभी प्रतिभागियों को मिले पुरस्कार
हिन्दी महोत्सव में तीन प्रतियोगिताएं आयोजित हुईं। इन प्रतियोगिताओं के सभी प्रतिभागियों को हिन्दी समिति द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
परिणाम इस प्रकार रहे
प्रश्नमंच प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर ऊषा गुप्ता, द्वितीय योगेश नारायण, तृतीय मनोज पशीने व फरेश खरे व सांत्वना पुरस्कार प्रतीक कुंटे। तात्कालिक निबंध प्रतियोगिता में प्रथम चिंतामन कोरी, द्वितीय मनीषा झारिया, तृतीय सतीश कुमार गुप्ता व दीपाली श्रिया दुबे व सांत्वना पुरस्कार अशोक कुमार केवट को मिला। तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर अंकिता सिंह, द्वितीय धनश्री लोधी व तृतीय स्थान पर लोकेश उपाध्याय रहे।
विद्युत हिन्दी सेवी हुए सम्मानित-हिन्दी महोत्सव में योगदान देने वाले विद्युत कार्मिकों ब्रर्जेन्द्र भूषण खंपरिया, सुहास कोरडे, नारायण बहादुर क्षत्रीय, राकेश स्वामी, साहिल बिरहा को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। हिन्दी महोत्सव में पुस्तक प्रदर्शनी का संयोजन करने वाले अजय यादव व छायाकार अजय धाबर्डे को उनकी नि:स्वार्थ हिन्दी सेवा के लिए सराहना करते हुए सम्मानित किया गया।