Thursday, December 19, 2024
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विद्युतीकरण में अनियिमितता और नियमों की अवहेलना पर 6 बिजली अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई

बिजली कंपनी ने विद्युतीकरण में अनियिमितता और नियमों की अवहेलना करने पर 6 बिजली अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई की है।

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा नई कॉलोनियों के विद्युतीकरण तथा अन्य विद्युतीय निर्माण कार्य में अनियिमितता, नियमों की अवहेलना, स्थल निरीक्षण में लापरवाही और कॉलोनाइजर एवं विद्युत ठेकेदार को अनुचित लाभ पहुंचाने के आरोप में 6 विद्युत अधिकारियों को मप्र सिविल सेवा नियम 1966 तथा पेंशन नियमों के अंतर्गत मेजर पेनाल्टी से दंडित किया गया है।

रायसेन संभाग के बाह्य विद्युतीकरण में अनियिमितता के आरोपों के आधार पर उप महाप्रबंधक राजेश दुषाद की विभागीय जाँच संस्थापित की गई थी। इसमें सभी आरोप सही पाये गये हैं। इस संबंध में अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिये प्राधिकृत सक्षम प्राधिकारी द्वारा राजेश दुषाद को उप महाप्रबंधक के पद से सहायक अभियंता (वितरण) के पद पर तत्काल प्रभाव से रिवर्ट कर दिया गया है, साथ ही उनके वेतन को सहायक अभियंता के वेतन पर निर्धारित करने का आदेश दिया गया है।

तत्कालीन उप महाप्रबंधक, रायसेन संभाग कमलकांत सिंह को बाह्य विद्युतीकरण कार्यों में अनियिमितता के आरोपों के सिद्ध होने के उपरांत श्री कमलकांत सिंह के मौजुदा वेतन राशि 77700 रुपए (लेवल–9) से घटाकर न्युनतम वेतन राशि 56100 रुपए (लेवल–9) कर दण्डित करने का आदेश दिया गया है।

इसी क्रम में तत्कालीन उप महाप्रबंधक (एसटीसी) विदिशा एसके गुप्ता को विभागीय जाँच में सुपरविजन की कमी तथा बाह्य विद्युतीकरण कार्यों में गंभीर अनियिमितताओं के आरोप के आधार पर उनके वर्तमान वेतन राशि 215900 रुपए लेवल–12 (123100–215900) रुपए से घटाकर न्यूनतम राशि 71500 रुपए लेवल–10 (71500–206900) रुपए पर करने का आदेश दिया गया है।

इसी प्रकार तत्कालीन उप महाप्रबंधक (एसटीसी) जीएल सिंह द्वारा रायसेन शहर में विद्युतीकरण के कार्यों में लापरवाही एवं अन्य विद्युत अनियिमितता के आरोप सही पाए जाने के कारण उनके वर्तमान वेतन राशि में कटौती करते हुए मौजूदा राशि 161500 रुपए लेवल–11 (120200–211700) रुपए से घटाकर तत्काल प्रभाव से न्यूनतम राशि 56100 रुपए लेवल–9 (56100–177500) रुपए कर दण्डित करने का आदेश जारी किया है।

इसी क्रम में तत्कालीन उप महाप्रबंधक (सं/सं) बासौदा संभाग एनडी स्वर्णकार को कंपनी के निर्माण कार्य सामग्री का अनुचित उपयोग एवं अन्य गंभीर अनियमितता पर उनके निर्धारित पेंशन को 64 प्रतिशत कम करने के आदेश जारी कर दण्डित किया गया है।

इसी क्रम में तत्कालीन उपमहाप्रबंधक (सं/सं) बासौदा रामपाल सिरसाटे को सौंपे गए कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही एवं अनियिमितता बरतते और नियमों की अवहेलना के आरोप सही पाये गये जो घोर कदाचरण की श्रेणी में आते हैं। इस घोर लापरवाही को ध्यान में रखते हुए रामपाल सिरसाटे को तत्काल प्रभाव से एम पी सिविल सर्विसेज नियम-1966 के अंतर्गत कार्यवाही करते हुए उनकी मौजूदा वेतन राशि 73600 रुपए लेवल–10 (71500–206900) रुपए से घटाकर न्यूनतम वेतन राशि 56100 रुपए लेवल–9 (56100–177500) रुपए कर दी गई है।

मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने कहा है कि इन अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दण्डित करना एक ऐसी मिसाल बनेगा जो कि आदतन लापरवाही और नियमों के विरुद्ध कार्य करते हैं, वे सावधानी और सजगता से कार्य करें। कंपनी ने मैदानी अधिकारियों को सचेत किया गया है कि कंपनी में जीरो टॉलरेंस की नीति लागू है और किसी भी स्तर पर काम में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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