पटना (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार शाम संपन्न हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य सरकार ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बड़ा दाव खेला है। बिहार सरकार गरीबी रेखा से नीचे रह रहे 94 लाख परिवारों में एक-एक सदस्य को दो लाख रुपये अनुदान देगी। बिहार कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी है। दो वित्तीय वर्ष के लिए 1250 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी दे दी गई है।
जाति आधारित गणना के अनुसार बिहार में गरीब परिवारों की संख्या 94 लाख से अधिक है। बिहार सरकार अगले 5 वर्षों में प्रत्येक गरीब परिवार को कम से कम एक सदस्य को रोजगार के लिए प्रेरित करेगी। इसके लिए अधिकतम दो लाख अनुदान की राशि तीन किस्तों में दी जाएगी, जिससे वे लघु उद्योग स्थापित कर सकें। इससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। नीतीश कैबिनेट ने बिहार लघु उद्यमी योजना के प्रस्ताव पर आज सहमति प्रदान की है। यह योजना अगले पांच वर्षों के लिए दी गई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में ढाई सौ करोड़ रुपये, 2024-25 में 1000 करोड़ रुपये यानी कुल 1250 करोड़ रुपये की राशि की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है।
दिल्ली स्थित बिहार निवास का पुनर्विकास होगा। इसके लिए 121 करोड़ 83 लाख रुपये की राशि की स्वीकृति दी गई है। बिहार उद्यान अधीनस्थ सेवा के प्रखंड उद्यान पदाधिकारी भर्ती, प्रोनत्ति एवं सेवा शर्त नियमावली 2024 की स्वीकृति दी गई है। किडनी प्रत्यारोपण के बाद मरीज के दवा सेवन के लिए पहले साल में दो लाख 16,000 रुपये मिलेंगे। चिकित्सीय अनुदान की स्वीकृति दी गई है। प्रथम वर्ष के लिए 6-6 महीने पर दो किस्तों में इस राशि का भुगतान होगा।
दुर्गावती जलाशय परियोजना का पंचम पुनरीक्षित राशि 1263 करोड़ 30 लाख रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। एनएच प्रमंडल मोतिहारी के तत्कालीन सहायक अभियंता मोहम्मद गजनफर को लगातार अनुपस्थित रहने के आरोप में सेवा से बर्खास्त किया गया है। सरकार के स्वामित्व वाले बीमा रहित मोटर वाहनों से हुई दुर्घटना में मृतक के आश्रितों को पांच लाख तथा गंभीर रूप से घायलों को ढाई लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा। कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी है।
इसके अलावा 19 अगस्त, 2020 को कैबिनेट में स्वीकृत बिहार काश्त आधारित उद्योग अध्यादेश 2020 के प्रस्ताव को वापस लिया गया है। राज्य के गरीब परिवारों के आर्थिक विकास के लिए बिहार लघु उद्यमी योजना की स्वीकृति दी गई है। मोकामा नगर परिषद क्षेत्र से जल निकासी के लिए 40 करोड़ 56 लाख 15 हजार 100 रुपये की स्वीकृति दी गई है। इसके लिए बुड़को को कार्यकारी एजेंसी नियुक्त किया गया है। जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता संजय कुमार ओझा जो 31 जनवरी को सेवानिवृत हो रहे हैं उन्हें एक साल के लिए मानदेय पर रखा गया है।
मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के तहत पूर्व में सम्मिलित परीक्षाओं के अलावा अब यूपीएससी, केंद्रीय कर्मचारी चयन आयोग, विभिन्न राज्य के लोक सेवा आयोग, विभिन्न बैंकिंग सेवा भर्ती बोर्ड, आईबीपीएस तथा विभिन्न रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा आयोजित प्रतियोगिता (प्रारंभिक) परीक्षा को सम्मिलित किया गया है। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले राज्य के अत्यंत पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को निर्धारित दर के अनुसार प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके लिए 9 करोड़ 79 लाख 50 हजार रुपये के अनुमानित वार्षिक व्यय की स्वीकृति दी गई है।
बिहार राज्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम में कुल वार्षिक व्यय 71 लाख 61 हजार 240 रुपये पर 7 नए पदों के सृजन एवं प्रशासनिक संरचना के पुनर्गठन की स्वीकृति दी गई है। बिहार सरकार की गाड़ी से दुर्घटना होने पर मृतकों के आश्रितों और घायलों को मुआवजा देने का फैसला लिया गया है। कैबिनेट की बैठक में कहा गया कि जिन गाड़ियों की मालिक राज्य सरकार होती है, उसका बीमा नहीं होता है। इस स्थिति में राज्य सरकार के स्वामित्व वाले वाहन से दुर्घटना होने की स्थिति में मृतकों के आश्रितों या घायल को मुआवजा भुगतान किये जाने में कठिनाई होती है। अब सरकार ने फैसला लिया है कि सरकारी गाड़ी से दुर्घटना होने पर तत्काल मुआवजा दिया जायेगा।
राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि सरकारी स्वामित्व वाले मोटर वाहनों से हुई दुर्घटना में मृत्तक के आश्रितों को तत्काल 5 लाख रुपये दिया जायेगा। वहीं, ऐसी दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल पीड़ितों या उनके आश्रितों को 2 लाख 50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जायेगा।