नई दिल्ली (हि.स.)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2024 को अंतरिम बजट पेश करेंगी। इसकी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। अंतरिम बजट से एक दिन पहले वित्त मंत्री आर्थिक सर्वेक्षण सदन के पटल पर रखेंगी। लोकसभा चुनाव से पहले संसद का बजट सत्र 31 जनवरी को शुरू होकर 9 फरवरी तक चलेगा।
जानिए पूर्ण बजट और अंतरिम बजट में अंतर
केंद्रीय बजट देश का सालाना वित्तीय लेखा-जोखा होता है। यूं कहें कि बजट किसी खास वित्त वर्ष के लिए सरकार की कमाई और खर्च का अनुमानित विवरण होता है। बजट के जरिए सरकार यह तय करती है कि आगामी वित्त वर्ष में वह अपनी कमाई की तुलना में किस हद तक खर्च कर सकती है। सरकार को हर वित्त वर्ष की शुरुआत में अपना बजट पेश करना होता है। भारत में वित्त वर्ष की शुरुआत एक अप्रैल से 31 मार्च तक होता है।
अंतरिम बजट सरकार को आम चुनावों का फैसला होने और नई सरकार बनने के बाद पूर्ण बजट पेश होने तक देश को चलाने के लिए धन मुहैया कराता है। अंतरिम बजट शब्द आधिकारिक नहीं है। आधिकारिक तौर पर अंतरिम बजट को वोट ऑन अकाउंट कहा जाता है। चुनाव के बाद नई सरकार वित्त वर्ष 2024-25 को अपना पूर्ण बजट पेश करेगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी, 2024 को लगातार अपना छठा बजट संसद में पेश करेंगी। इसके साथ ही वह देश की दूसरी वित्त मंत्री होंगी, जो लगातार 5 पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट पेश करेंगी।