Thursday, December 19, 2024
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वित्तमंत्री ने पेश किया केंद्रीय बजट, पढ़िए क्या है खास

केन्‍द्रीय वित्‍त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने आज अपना पहला बजट भाषण पढ़ा और संसद में 2019-20 का बजट पेश किया।
दशक के लिए दस बिन्‍दु की परिकल्‍पना

Ø जन भागीदारी से टीम इंडिया का निर्माण: न्‍यूनतम सरकार अधिकतम शासन।
Ø हरी-भरी पृथ्‍वी और नीले आकाश के साथ प्रदूषण मुक्‍त भारत बनाना।
Ø डिजिटल इंडिया को अर्थव्‍यवस्‍था के प्रत्‍येक क्षेत्र तक पहुंचाना।
Ø गगनयान, चन्‍द्रयान, अन्‍य अंतरिक्ष और उपग्रह कार्यक्रमों की शुरूआत।
Ø वास्‍तविक और सामाजिक बुनियादी ढांचे का निर्माण।
Ø नीली अर्थव्‍यवस्‍था।
Ø खाद्यान्‍नों, दालों, तिलहनों, फलों और सब्जियों में आत्‍मनिर्भरता और निर्यात।
Ø आयुष्‍मान भारत, पोषणयुक्‍त मां और बच्‍चा के जरिए स्‍वस्‍थ समाज की स्‍थापना, नागरिकों की सुरक्षा।
Ø एमएसएमई, मेक इन इंडिया के अंतर्गत स्‍टार्ट-अप्‍स, रक्षा निर्माण, मोटर वाहनों, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स, वस्‍त्रों और बैटरियों तथा चिकित्‍सा उपकरणों पर जोर।
Ø 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था की ओर
Ø वित्‍त मंत्री ने कहा कि लोगों के दिलों में आशा, विश्‍वास और आकांक्षा है।
Ø वर्तमान वर्ष में भारत की अर्थव्‍यवस्‍था 3 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी।
Ø सरकार भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनाना चाहती है।
Ø उद्योग जगत भारत का रोजगार सृजक और देश का संपदा सृजनकर्ता है।
Ø निम्‍न में निवेश की आवश्‍यकता है:
o बुनियादी ढांचा
o डिजिटल अर्थव्‍यवस्‍था
o छोटी और मझोली कंपनियों में नौकरियों का सृजन
Ø निवेश का उत्‍कृष्‍ट दौर शुरू करने के लिए अनेक पहलें प्रस्‍तावित।
Ø ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के लिए मुद्रा ऋणों के जरिए जन सामान्‍य के जीवन में बदलाव।
Ø एमएसएमई से जुड़े उपाय:
0 प्रधानमंत्री कर्मयोगी मान धन योजना
Ø सालाना 1.5 करोड़ रुपए से कम का कारोबार करने वाले करीब 3 करोड़ खुदरा व्‍यापारियों और छोटे दुकानदारों को पेंशन लाभ।
Ø नामजदगी की प्रक्रिया सरल, केवल आधार, बैंक खाता और स्‍व-घोषणा की आवश्‍यकता।
o एमएसएमई की ब्‍याज सब्सिडी योजना के अंतर्गत सभी जीएसटी पंजीकृत एमएसएमई के लिए 2 प्रतिशत ब्‍याज सब्सिडी (ताजा और वृद्धिशील ऋण) के लिए वित्‍त वर्ष 2019-20 के लिए 350 करोड़ रुपए आवंटित।
o एमएसएमई के लिए भुगतान प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा, ताकि बिलों का भुगतान हो सके, ताकि सरकारी भुगतानों में देरी को खत्‍म किया जा सके।
o मार्च 2019 में शुरू नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएसी) मानकों पर आधारित परिवहन के लिए भारत की पहली देश में विकसित प्रणाली।
o रूपे कार्ड पर चलने वाला इंटर ओपरेबल परिवहन कार्ड और यह धारक को बस में यात्रा करने, टोल टैक्‍स देने, पार्किंग शुल्‍क देने, रिटेल शॉपिंग की इजाजत देता है।
Ø हर प्रकार की वास्‍तविक कनेक्टिविटी को इस प्रकार आगे बढ़ाया गया है:
o प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
o औद्योगिक गलियारे, समर्पित माल-भाड़ा गलियारा।
o भारतमाला और सागरमाला परियोजनाएं, जलमार्ग विकास और उड़ान योजनाएं।
Ø भारतमाला परियोजना के दूसरे चरण में राज्‍य सड़क नेटवर्क विकसित किया जाएगा।
Ø जलमार्ग विकास परियोजना के अंतर्गत गंगा नदी की नौवहन क्षमता बढ़ाने के लिए साहिबगंज और हल्दिया में दो टर्मिनल तथा फरक्‍का में एक नेवीगेशनल लॉक का कार्य 2019-20 में पूरा हो जाएगा।
Ø गंगा नदी पर कार्गो की आवाजाही अगले चार वर्षों में लगभग चार गुना बढ़ जाने का अनुमान है, जिससे माल और यात्रियों की आवाजाही सस्‍ती होगी और आयात बिल में कमी आएगी।
Ø वर्ष 2018-2030 के दौरान रेलवे के बुनियादी ढांचे के लिए 50 लाख करोड़ रुपए के निवेश की आवश्‍यकता होगी।
Ø पटरियों के तेजी से विकास और उन्‍हें बिछाने, रोलिंग स्‍टॉक विनिर्माण तथा यात्री माल-भाड़ा सेवा की सुपुर्दगी के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी का प्रस्‍ताव।
Ø देश भर में मेट्रो रेल नेटवर्क की 657 किलोमीटर लाइन चालू।
Ø विमानन क्षेत्र में आत्‍मनिर्भरता हासिल करने के लिए रख-रखाव, मरम्‍मत और ओवरहॉल के विकास के लिए नीतिगत हस्‍तक्षेप।
Ø अपनी जमीन से विमानों के वित्‍त पोषण और उन्‍हें पट्टे पर देने का केन्‍द्र बनाने के लिए भारत को विनियामक रोडमैप के अनिवार्य तत्‍व क्रियान्वित करन।
Ø एफएएमई योजना के दूसरे चरण के लिए मंजूर 3 वर्ष के लिए 10,000 करोड़ रुपए का व्‍यय।
Ø इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने के लिए प्रोत्‍साहित करने के उद्देश्‍य से खरीद और चार्जिंग बुनियादी ढांचे के लिए बढ़े हुए प्रोत्‍साहन का प्रस्‍ताव।
Ø एफएएमई योजना के अंतर्गत केवल अत्‍याधुनिक बैट्री चालित और पंजीकृत ई-वाहनों को ही प्रोत्‍साहन।
Ø राष्‍ट्रीय राजमार्ग कार्यक्रम की पुनर्संरचना की जाएगी, ताकि एक राष्‍ट्रीय राजमार्ग ग्रिड सुनिश्चित की जा सके।
Ø एक राष्‍ट्र एक ग्रिड के अंतर्गत किफायती दरों पर राज्‍यों को बिजली।
Ø गैस ग्रिड, जल ग्रिड, अंतर्देशीय जलमार्गों और क्षेत्रीय हवाई अड्डों के लिए ब्‍लू प्रिंट उपलब्‍ध कराया जाए।
Ø अधिकार प्राप्‍त उच्‍च स्‍तरीय समिति की सिफारिशों को लागू किया जाए।
Ø पुराने और कार्य नहीं कर रहे संयंत्रों को बंद किया जाए।
o प्राकृतिक गैस की कमी के कारण गैस संयंत्र की क्षमता के कम इस्‍तेमाल की समस्‍या दूर करना।
·उज्‍ज्‍वल वितरण कंपनियां आश्‍वासन योजना के अंतर्गत औद्योगिक और ऊर्जा का अधिक उपयोग करने वाले उपभोक्‍ताओं के लिए क्रॉस सब्सिडी सरचार्ज, खुली पहुंच वाली बिक्री पर अनावश्‍यक शुल्‍क हटाया जाएगा।
·बिजली क्षेत्र शुल्‍क और ढांचागत सुधारों की जल्द घोषणा की जाएगी।
·किराये के मकानों की बेहतरी के लिए सुधारात्‍मक उपाय किये जाएंगे।
·मॉडल किराया कानून को अंतिम रूप दिया जाएगा और राज्‍यों को भेजा जाएगा।
·संयुक्‍त विकास और रियायत तंत्र का इस्‍तेमाल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के लिए किया जाएगा और केन्‍द्र सरकार तथा सीपीएसई द्वारा रखी गई भूमि पर सस्‍ते मकान बनाए जाएंगे।

·अवसंरचना के वित्‍त पोषण के लिए पूंजी स्रोत बढ़ाने के उपाय:
o वर्ष 2019-20 में क्रेडिट गांरटी वर्धन निगम की स्‍थापना की जाएगी।
o अवसरंचना क्षेत्र पर ध्‍यान केंद्रित करते हुए बाजार को गहन करने सहित दीर्घकालिक बॉन्‍डों के लिए कार्य योजना बनाई जाएगी।
o एफआईआई /एफपीआई द्वारा किए गए निवेश (आईडीएफ-एनबीएफसी द्वारा निर्गमित ऋण प्रतिभूतियों में) को विनिर्दिष्‍ट लॉकिंग अवधि के भीतर किसी घरेलू निवेश का प्रस्‍तावित अंतरण/ बिक्री

·बॉन्‍ड बाजार को गहन करने के उपाय:
o स्‍टॉक एक्‍सचेंजों को लेटरल के रूप में एए दर्जे वाले बॉन्‍ड की अनुमति देने में सक्षम बनाना।
o कॉरपोरेट बॉन्‍ड के लिए ट्रेडिंग प्‍लेटफॉर्म की उपयोग सुलभता की समीक्षा होगी।

·सोशन स्‍टॉक एक्‍सचेंज:
o सेबी के विनियामक दायरे में इलैक्‍ट्रॉनिक फंड रेजिंग प्‍लेटफॉर्म
o सामाजिक उद्यमों और स्‍वैच्छिक संगठनों को सूचीबद्ध करना।
o इक्विटी, ऋण या म्‍यूचअल फंड जैसी यूनिटों की तरह पूंजी जुटाना।
·सेबी सूचीबद्ध कंपनियों में न्‍यूनतम सरकारी शेयरधारिता 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत करने पर विचार करेगा।
·विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी) मानदंडों को निवेशकों के अधिक से अधिक अनुकूल बनाना।
·राजकोषीय हुंडियों और सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश के लिए खुदरा निवेशक लाने के लिए सरकार स्‍टॉक एक्‍सचेंजों का इस्‍तेमाल करते हुए संस्‍थागत विकास सहित आरबीआई के प्रयासों को पूर्णत: प्रदान करेगी।
·भारत को प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश का और अधिक आकर्षक गंतव्‍य स्‍थल बनाने के उपाय
o सभी हितधारकों के साथ परामर्श करके विमानन, मीडिया (एनीमेशन एवीजीसी) और बीमा क्षेत्र को एफडीआई के लिए और अधिक खोला जा सकता है।
o बीमा मध्‍यस्‍थताओं को 100 प्रतिशत एफडीआई।
o एकल बॉन्‍ड के खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के लिए स्‍थानीय स्रोत के मापदंडों को आसान बनाना।
·सरकार राष्‍ट्रीय अवसरंचना निवेश निधि (एनआईआईएफ) का उपयोग करके सभी तीनों श्रेणियों के वैश्विक प्रतिस्‍पर्धियों (पेंशन, बीमा, सम्‍प्रभु सं‍पत्ति निधियां) वार्षिक वैश्विक निवेशक सम्‍मेलन का आयोजन करेगी।
·एफपीआई निवेश के लिए वैधानिक या सांविधिक सीमा 24 प्रतिशत से बढ़ाकर क्षेत्रीय विदेशी निवेश सीमा तक करने का प्रस्‍ताव है। संबंधित कॉरपोरेटों को न्‍यूनतम सीमा राशि सीमित करने का विकल्‍प दिया जाता है।
·एफपीआई को अवसंरचना निवेश न्‍यास, रियल एस्‍टेट निवेश न्‍यास द्वारा जारी सूचीबद्ध ऋण प्रतिभूतियों को सब्‍सक्राइब करने की अनुमति
·एनआरआई पोर्टफोलियों निवेश योजना मार्ग का विदेशी पोर्टफोलियो निवेश मार्ग में विलय का प्रस्‍ताव।
·अवसंरचना निवेश न्‍यास, रियल एस्‍टेट निवेश न्‍यास जैसी नई और नवोन्‍मेषी लिखतों और साथ ही साथ टोल ऑपरेट ट्रांसफर (टीओटी) के जरिए जुटाए गए संचयी संसाधन 24,000 करोड़ रुपए से अधिक है।
·न्‍यू स्‍पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) एक सरकारी क्षेत्र का उद्यम है, जिसे अंतरिक्ष विभाग की वाणिज्यिक शाखा के रूप में शामिल किया गया है।
·लॉच व्‍हीकल का उत्‍पादन, प्रौद्योगिकियों का अंतरण और अंतरिक्ष उत्‍पादों का विपणन जैसे उत्‍पादों के वाणिज्यिकरण जैसे इसरो द्वारा किए गए अनुसंधान एवं विकास के लाभों को उपयोग में लाना।

·प्रत्‍यक्षकर:
·400 करोड़ रुपए तक के सालाना कारोबार वाली कंपनियों के लिए कर दी दर घटाकर 25 प्रतिशत की गई।
·2 करोड़ रुपए से 5 करोड़ रुपए तथा 5 करोड़ रुपए और उससे अधिक की करयोग्‍य आय वाले व्‍यक्तियों पर अधिभार बढ़ाया गया।
·‘कर भुगतान’ की श्रेणी में भारत की कारोबार करने की सुगमता वाली रैंकिंग 2017 में 172 से 2019 में 121 हो गई।
·पिछले पांच वर्षों में प्रत्‍यक्षकर राजस्‍व 78 प्रतिशत से बढ़कर 11.37 लाख करोड़ रुपए हो गया।
·कर सरलीकरण और जीवन में सुगमता- प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर अनुपालन को सुगम बनाना।
·पैन और आधार में आपसी अदला-बदली
o जिनके पास पैन नहीं है, वे आधार के जरिए रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
o जहां पैन की आवश्‍यकता है वहां आधार इस्‍तेमाल किया जा सकता है।
·पहले से भरी हुई आयकर विवरणियां दाखिल करना
o आय और कटौती सहित पहले से भरी हुई कर विवरणियां कर दाताओं को उपलब्‍ध कराई जाएगी।
o बैंकों स्‍टॉक एक्‍सचेंजों म्‍यूचुअल फंडों से सूचना जुटाई जाएगी।
·व्‍यक्तिगत उपस्थिति के बिना ई-निर्धारण
o व्‍यक्तिगत उपस्थिति के बिना ई-निर्धारण लागू किया जाएगा।
o शुरूआत में उन मामलों में ई-निर्धारण किया जाएगा जहां कुछ खास लेन-देनों या विसंगतियों का सत्‍यापन करना जरूरी है।

·किफायती आवास:
o 45 लाख रुपए तक के मूल्‍य वाले मकान की खरीद पर 31 मार्च, 2020 तक की अवधि तक के लिए गए ऋण पर चुकाए गए ब्‍याज के लिए 1.5 लाख रुपए तक की अतिरिक्‍त कटौती।
o 15 साल की ऋण अवधि पर लगभग 7 लाख रुपए का समग्र लाभ।

·इलैक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्‍साहन:
o इलैक्ट्रिक वाहन खरीदने हेतु लिए गए ऋण पर चुकाए गए ब्‍याज पर 1.5 लाख रुपए तक की अतिरिक्‍त आयकर कटौती।
o इलैक्ट्रिक वाहनों के कुछ पुर्जों पर सीमा शुल्‍क में छूट।

·अन्‍य प्रत्‍यक्षकर उपाय
·कर दाताओं की वास्‍तविक कठिनाईयों में कमी लाने के लिए कर कानूनों का सरलीकरण।
·कर रिटर्न दाखिल न करने के लिए कार्रवाई शुरू करने हेतु अधिकतम कर सीमा।
·आयकर अधिनिमय की धारा 50सीए और 56 के दुर्व्‍यवहार विरोधी प्रावधानों से उचित श्रेणियों के व्‍यक्तियों को छूट।

·स्‍टार्ट-अप्‍स के राहत:
·स्‍टार्ट-अप्‍स में निवेश के लिए रिहायशी मकान की बिक्री से उत्‍पन्‍न पूंजीगत लाभ में छूट 2021 तक बढ़ाई गई।

·एंजल टैक्‍स का मामला सुलझाया गया – आवश्यक घोषणा दाखिल करने वाले और अपनी रिटर्न में जानकारी उपलब्ध कराने वाले स्टार्ट-अप्स तथा उनके निवेशक शेयर प्रीमियम के मूल्यांकन के बारे में किसी तरह की जांच नहीं की जाएगी।
·स्‍टार्ट-अप्‍स द्वारा जुटाए गए धन को आयकर विभाग द्वारा किसी तरह की जांच की जरूरत नहीं होगी।
o निवेशक और धनराशि के स्रोत की पहचान स्‍थापित करने के लिए ई-सत्‍यापन व्‍यवस्‍था।
·लंबित आकलनों और शिकायत निवारण के लिए विशेष प्रशासनिक प्रबंध।
o सुपरवाइज़री अधिकारी की अनुमति के बिना आकलन अधिकारी ऐसे मामलों में जांच नहीं कर सकेगा।
·श्रेणी 2 वैकल्पिक निवेश कोष को जारी शेयरों के मूल्‍यांकन की जांच नहीं।
·हानियों को आगे ले जाने और समायोजित करने की कुछ शर्तों में ढील देने का प्रस्‍ताव किया।

एनबीएफसी:
·जमा राशि लेकर खास बैड अथवा संदिग्ध ऋणों पर ब्याज के साथ-साथ महत्वपूर्ण जमा राशि पर वर्ष में कर लगाना, जिसमें वास्तव में ब्याज प्राप्त किया गया हो।

अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केन्द्र (आईएफएससी)
·आईएफएससी के लिए प्रत्यक्ष कर प्रोत्साहन का प्रस्ताव किया गयाः
o 15 वर्ष की अवधि में किसी 10 वर्ष के ब्लॉक में 100 प्रतिशत मुनाफा आधारित कटौती
o कंपनियों को मौजूदा और कुल आय और म्युचुअल फंडों से लाभांश वितरण कर से छूट
o श्रेणी-III वैकल्पिक निवेश निधि के लिए पूंजी प्राप्तियों पर छूट
o अप्रवासियों से ऋण लेने पर ब्याज भुगतान में छूट

प्रतिभूति लेन-देन कर (एसटीटी)
·एसटीटी केवल विकल्पों के इस्तेमाल के मामले में निपटारा और स्ट्राइक प्राइस के बीच अंतर तक सीमित है।
अप्रत्यक्ष कर:
मेक इन इंडिया:
·काजू, पीवीसी, टाइल, मोटरवाहन के पुर्जे, संगमरमर, ऑप्टीकल फाइबर केबल, सीसीटीवी कैमरा आदि पर आधारभूत सीमा शुल्क कर में वृद्धि।

·भारत में अब निर्मित होने वाले कुछ इलेक्ट्रॉनिक मदों पर सीमा शुल्क कर में छूट वापस ली गई।
·पाम स्टीरीन, वसायुक्त तेलों पर अंतिम उपभोग आधारित छूट वापस ली गई।
·विभिन्न प्रकार के कागजों पर छूट वापस ली गई।
·आयातित पुस्तकों पर 5 प्रतिशत आधारभूत सीमा शुल्क लगाया गया।

·निम्नलिखित कुछ कच्चे मालों पर सीमा शुल्क घटाया गयाः
o कृत्रिम किडनी के औजारों, डिस्पॉजिबल स्टर्लाइज्ड डाइलिसर और परमाणु बिजली संयंत्र आदि के लिए ईंधन
o विशेष इलेक्ट्रॉनिक सामग्रियों के निर्माण के लिए आवश्यक पूंजीगत सामग्री

रक्षा:
·ऐसे रक्षा उपकरणों पर आधारभूत सीमा शुल्क से छूट, जिनका निर्माण भारत में नहीं हुआ हो।

अप्रत्यक्ष कर के अन्य प्रावधान
·कच्चे और अर्ध-परिष्कृत चमड़े पर निर्यात कर को सुसंगत बनाया।
·पेट्रोल और डीजल पर एक रुपये प्रति लीटर की दर से विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क और सड़क एवं अवसंरचना अधिशेष में वृद्धि।
·सोना और अन्य बहुमूल्य धातुओं पर सीमा शुल्क में वृद्धि।
·केन्द्रीय उत्पाद और सेवा कर में जीएसटी व्यवस्था से पहले लंबित मुकदमें की शीघ्र समाप्ति हेतु लिगेसी विवाद निपटारा योजना।

ग्रामीण भारत:
·उज्जवला योजना और सौभाग्य योजना से प्रत्येक ग्रामीण परिवार के रहन-सहन में सुधार हुआ है और इससे उनके जीवन स्तर में व्यापक सुधार हुआ है।
·सभी इच्छुक ग्रामीण परिवारों के लिए 2022 तक बिजली और स्वच्छ रसोई की सुविधा।
·प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण का उद्देश्य 2022 तक ‘सबके लिए आवास’ के लक्ष्य तक पहुंचना।
o इसके दूसरे चरण (2019-20 से 2021-22) में, पात्र लाभार्थियों को शौचालयों, बिजली और एलपीजी कनेक्शनों जैसी सुविधाओं के साथ 1.95 करोड़ घर दिए जाएंगे।

प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना:
o प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के माध्यम से मत्स्य विभाग द्वारा एक मत्स्यपालन प्रबंधन संरचना स्थापित की जाएगी।
o अवसंरचना, आधुनिकीकरण, पता लगाने की योग्यता, उत्पादन, उत्पादकता, फसल कटाई पश्चात प्रबंधन और गुणवत्ता नियंत्रण सहित मूल्य श्रृंखला में अत्यधिक अंतर को हल करना।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना:
o पात्र और व्यवहार्य आवास स्थलों को सड़क संपर्क से जोड़ने की गति तेज करने के लिए इन्‍हें पूरा करने का निर्धारित लक्ष्‍य 2022 से कम करके 2019 किया गया है। ऐसे 97 प्रतिशत आवास स्थलों को सभी मौसमों के लिए अनुकूल सड़क संपर्क से जोड़ दिया गया है।
o हरित प्रौद्योगिकी, कचरा प्लास्टिक और शीत मिश्रित प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की 30,000 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण किया गया है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण के तहत 80,250 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से अगले पांच वर्षों में 1,25,000 किलोमीटर लंबी सड़क का उन्नयन किया जाएगा।
पारम्परिक उद्योग उन्नयन एवं पुनर्जीवन निधि योजना (एसएफयूआरटीआई)
o रोजगार के टिकाउ अवसरों के सृजन के लिए पारम्परिक उद्योगों को और अधिक उत्पादक, लाभदायक एवं सक्षम बनाने के लिए कलस्टर आधारित विकास में आसानी के लिए साझा सुविधा केन्द्र (सीएफसी) स्थापित किए जाएंगे।
o 2019-20 के दौरान बांस, शहद और खादी पर विशेष जोर देते हुए 100 नये कलस्टर स्थापित किए जाएंगे, जिससे 50,000 कारीगर आर्थिक मूल्य श्रृंखला में शामिल हो सकेंगे।
नवाचार, ग्रामीण उद्योग एवं उद्यमिता बढ़ावा योजना (एएसपीआईआरई) को अंतिम रूप दिया गया।
o 2019-20 में 80 आजीविका व्यापार इंक्यूबेटर (एलबीआई) और 20 औद्योगिकी व्यापार इंक्यूबेटर (टीबीआई) स्थापित किए जाएंगे।
o कृषि– ग्रामीण उद्योग क्षेत्र में 75,000 उद्यमियों को कौशल प्रदान किया जाएगा।
·किसानों के उत्पादों को उनके खेतों से मूल्य संवर्द्धन को बढ़ावा देने और संबंधित क्रियाकलापों में लगे निजी उद्यमियों को सहायता दी जाएगी
·पशुओं के लिए चारे का उत्पादन, दूध की खरीद, प्रसंस्करण और विपणन के लिए अवसंरचना तैयार करके सहकारी संस्थाओं के माध्यम से दूथ उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा।
·किसानों की बेहतर आर्थिक स्थिति सुनिश्चित करने के लिए 10,000 नये किसान उत्पादक संगठन बनाए जाएंगे।
·सरकार ई-नाम से किसानों को लाभान्वित करने के क्रम में राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करेगी।
·जीरो बजट फार्मिंग, जिसमें कुछ राज्यों के किसानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

भारत में जल सुरक्षा
o नया जल शक्ति मंत्रालय एक समन्वित और समग्र रूप से हमारे जल संसाधनों और जल आपूर्ति के प्रबंधन की देखरेख करेगा।
o जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2024 तक सभी ग्रामीण परिवारों के लिए ‘हर घर जल’ (पाइप द्वारा जल आपूर्ति) के लक्ष्य को पूरा किया जाएगा।
o स्थानीय स्तर पर जल की मांग और आपूर्ति पर आधारित प्रबंधन पर जोर दिया जाएगा।
इसके लक्ष्य तक पहुंचने के क्रम में केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं को एक साथ मिलाया जाएगा।
o जलशक्ति अभियान के लिए 256 जिलों के 1592 खंडों की पहचान की गई है।
o इस उद्देश्‍य के लिए क्षतिपूर्ति वन्‍यकरण निधि प्रबंधन और योजना प्राधिकरण निधि का उपयोग किया जा सकता है।
·स्‍वच्‍छ भारत अभियान
o 2 अक्‍तूबर 2014 से 9.6 करोड़ शौचालयों का निर्माण किया गया।
o 5.6 लाख से अधिक गांव खुले में शौच से मुक्‍त(ओडीएफ) हुए।
o प्रत्‍येक गांव में सतत ठोस अपशिष्‍ट प्रबंधन चलाने के लिए स्‍वच्‍छ भारत मिशन का विस्‍तार किया जाएगा।
·प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान
o दो करोड़ से अधिक ग्रामीणों को डिजिटली रूप से साक्षर बनाया गया।
o ग्रामीण और शहरी भेद को दूर करने के लिए भारत नेट के तहत प्रत्‍येक पंचायत में स्‍थानीय निकायों को इंटरनेट कनेक्टिविटी दी जा रही है।

o पीपीपी प्रबंध के तहत वैश्विक दायित्‍व निधि का भारत नेट को गति प्रदान करने में उपयोग किया जाएगा।

·शहरी भारत/अर्बन इंडिया
·प्रधानमंत्री आवास योजना –शहरी (पीएमएवाई-अर्बन)
o लगभग 81 लाख घरों के निर्माण के लिए 4.83 लाख करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी गई। इनमें 47 लाख घरों में निर्माण कार्य शुरू हुआ।
o 26 लाख से भी अधिक घरों का निर्माण पूरा हुआ और लगभग 24 लाख घर लाभार्थियों को सौंपे गए।
o नई प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए अभी तक 13 लाख से भी अधिक घरों का निर्माण हुआ।
· 95 प्रतिशत से अधिक शहरों को भी खुले में शौच से मुक्‍त घोषित किया गया।
·लगभग एक करोड़ नागरिकों ने स्‍वच्‍छता एप्‍प डाउनलोड किया है।
·2 अक्‍तूबर 2019 तक भारत को ओडीएफ बनाने के लिए गांधी जी के स्‍वच्‍छ भारत के संकल्‍प को अर्जित करने का लक्ष्‍य
o इस अवसर के उपलक्ष्‍य में 2 अक्‍तूबर 2019 को गांधी दर्शन, राजघाट में राष्‍ट्रीय स्‍वच्‍छता केन्‍द्र का उद्घाटन किया जाएगा।
o युवाओं और समाज को सकारात्‍मक गांधीवादी मूल्‍यों के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए राष्‍ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद द्वारा गांधी पीडिया का विकास किया गया है।
·रेलवे को दिल्‍ली–मेरठ मार्ग पर प्रस्‍तावित रेपिड रीजनल ट्रांसपोर्ट सिस्‍टम(आरआरटीएस) जैसे एसटीवी निर्माणों के माध्‍यम से उपशहरी रेलवे में अधिक निवेश के लिए प्रोत्‍साहित किया जा रहा है।
·निम्‍न के द्वारा मेट्रो रेलवे के प्रयासों को बढ़ाने का प्रस्‍ताव है-
o अधिक से अधिक पीपीपी पहलों को प्रोत्‍साहित करना।
o स्‍वीकृत कार्य निश्चित रूप से पूरे करना।
o ट्रांजिट केन्‍द्रों के आसपास व्‍यापारिक गतिविधियां सुनिश्चित करने के लिए सहायक ट्रांजिट जनित विकास (टीओडी)

युवा:
·निम्‍नलिखित प्रस्‍तावों के साथ नई राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति लाई जाएगी।
o स्‍कूल और उच्‍च शिक्षा दोनों में प्रमुख परिवर्तन।
o बेहतर शासन प्रणालियां
o अनुसंधान और नवाचार पर अधिक ध्‍यान देना

·राष्‍ट्रीय अनुसंधान प्रतिष्‍ठान(एनआरएफ) में प्रस्‍ताव किया गया है-
o देश में अनुसंधान को धन उपलब्ध, समन्‍वय और बढ़ावा देना।
o विभिन्‍न मंत्रालयों द्वारा दी गई स्‍वतंत्र अनुसंधान अनुदान का उपयोग।
o देश में समग्र अनुसंधान पारिस्थिकी को मजबूत बनाना।
o अतिरिक्‍त निधियों के साथ इसे पर्याप्‍त रूप से आगे बढ़ाया जाएगा।
o वित्‍तवर्ष 2019-20 के लिए ‘विश्‍व स्‍तर के संस्‍थानों’ हेतु 400 करोड़ रुपये उपलब्‍ध कराए गए, जो पिछले वर्ष के संशोधित अनुमानों से तीन गुणा से अधिक हैं।
·‘भारत में अध्‍ययन’ के तहत विदेशी छात्रों को भारत के उच्‍च शिक्षा संस्‍थानों में पढ़ाई हेतु लाना।
·उच्‍च शिक्षा की नियामक प्रणालियों में व्‍यापक रूप से सुधार लाना।
o अधिक स्‍वायत्‍ता को बढावा देना।
o बेहतर शैक्षिक परिणामों पर ध्‍यान देना।
·भारत उच्‍च शिक्षा आयोग (एचईसीएल) स्‍थापित करने के लिए मसौदा विधायी पेश करना है।
·खेलो इंडिया योजना का सभी आवश्‍यक वित्‍तीय सहायता के साथ विस्‍तार करना।
·खेलों को सभी स्‍तरों पर लोकप्रिय बनाने के लिए खेलो इंडिया के तहत खिलाडि़यों के विकास हेतु राष्‍ट्रीय खेल शिक्षा बोर्ड की स्‍थापना।
.भाषा प्रशिक्षण, एएल, एलओटी, बिग डाटा, 3डी प्रिंटिंग, वर्चुअल रीयल्‍टी और रोबोटिक्‍स सहित वैश्विक मूल्‍य कौशल सैट के बारे में युवाओं को विदेशों में रोजगार के लिए तैयार करने के बारे में अधिक ध्‍यान दिया जाएगा।
·पंजीकरण को मानकीकृत और सरल बनाने तथा रिटर्न फाइल करने के लिए विविध श्रम कानूनों को सरल बनाने के लिए चार श्रम कोड के सैट का प्रस्‍ताव किया गया है।
·दिल्‍ली दूरदर्शन के चैनलों पर स्‍टार्ट अप्‍स के लिए और उनके ही द्वारा विशेष रूप से एक टेलीविजन कार्यक्रम का प्रस्‍ताव है।
·2020-25 अवधि के लिए स्‍टार्टअप इंडिया योजना जारी रहेगी। बैंक मांग आधारित व्‍यापार के लिए वित्‍तीय सहायता उपलब्‍ध करायेंगे।

जीवन सरल बनाना:
·लगभग 30 लाख कामगार प्रधानमंत्री श्रम योगी मानदंड योजना में शामिल हो गए हैं। इस योजना के तहत असंगठित और अनौपचारिक क्षेत्रों के मजदूरों को 60 साल की उम्र होने पर पेंशन के रूप में 3000 रुपये प्रति माह देने का प्रावधान है।
·उज्‍जवला योजना के तहत लगभग 35 करोड़ एलईडी बल्‍ब बांटे गए, जिससे वार्षिक रूप से 18,341 करोड़ रुपये की लागत बचत हुई।
·एलईडी बल्‍ब मिशन की पहुंच का उपयोग करते हुए सोलर स्‍टोव और बैटरी चार्जरों को बढ़ावा देना।
·रेलवे स्‍टेशनों के आधुनिकीकरण के लिए व्‍यापक कार्यक्रम शुरू किए गए।

नारी तू नारायणी/महिला:
·महिला नेतृत्‍व पहलों और आंदोलनों के लिए महिला केन्द्रित नीति निर्माण के दृष्टिकोण में बदलाव
·लैंगिक भेदभाव दूर करने के लिए सरकारी और निजी हितधारकों के साथ एक समिति प्रस्‍तावित की गई है।

एसएचजी:
o सभी जिलों में महिला एसएचजी हित बढ़ोत्‍तरी कार्यक्रम का विस्‍तार करने का प्रस्‍ताव है।
o जनधन बैंक खाता रखने वाली प्रत्‍येक सत्‍यापित महिला एसएचजी सदस्‍य को 5000 रुपये के ओवरड्राफ्ट की अनुमति होगी।

भारत का सॉफ्ट पावर:
·भारतीय पासपोर्ट रखने वाले अनिवासी भारतीयों के लिए भारत आगमन पर 180 दिनों की प्रतीक्षा अवधि के बगैर आधार कार्ड जारी करने का प्रस्‍ताव।
·पराम्‍परिक व्‍यवसाय से जुड़े भारतीय कारीगरों को वैश्विक बाजारों से जोड़ने के लिए आवश्‍यक पेटेंट और भौगोलिक संकेतक उपलब्‍ध कराने का प्रस्‍ताव।
·मार्च, 2018 में सरकार ने अफ्रीका में 18 नये उच्‍चायोग खोलने को मंजूरी दी थी, इनमें से पांच खोले जा चुके हैं और अन्‍य चार दूतावास 2019-20 में खोले जाएंगे।
·भारत विकास सहयोग योजना (आईडीईएएस) को नया रूप देने का प्रस्‍ताव।
·विश्‍व स्‍तरीय पर्यटन स्‍थलों के मॉडल के रूप में देश के 17 प्रमुख पर्यटन स्‍थलों को विकसित किया जा रहा है।
·देश की समृद्ध जनजातीय सांस्‍कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए मौजूदा डिजिटल डाटाओं के संग्रह को और सशक्‍त बनाना।

बैंक और वित्‍तीय क्षेत्र:
·पिछले एक वर्ष में वाणिज्यिक बैंकों के फंसे कर्ज में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की गिरावट आई। पिछले चार वर्षों में चार लाख करोड़ से अधिक की कर्ज वसूली हुई।
·सात वर्षों में प्रावधान कवरेज अनुपात सात वर्षों में अपने उच्‍चतम स्‍तर पर।
·घरेलू ऋण वृद्धि दर बढ़कर 13.8 प्रतिशत पर पहुंची।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए किए गए उपाय:
·ऋण क्षमता बढ़ाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 70,000 करोड़ रुपये उपलब्‍ध कराने का प्रस्‍ताव।
·ऑनलाइन व्‍यक्तिगत ऋण, घर तक बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाने तथा एक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के ग्राहक द्वारा सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक में बैंकिंग सेवाओं का लाभ प्राप्‍त करने के लिए बैंकों द्वारा प्रौद्योगिकी के इस्‍तेमाल को बढ़ावा देना।
·खाताधारकों को किसी अन्‍य द्वारा उनके खातों में जमा की गई राशि पर नियंत्रण रखने के लिए सशक्‍त बनाने के उपाय करना।
·सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रबंधन को सशक्‍त बनाने के लिए सुधार।

गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कंपनियां:
·वित्‍त विधेयक में गैर-बैंकिंग कंपनियों पर रिजर्व बैंक के विनियामक अधिकारों को सशक्‍त बनाने का प्रस्‍ताव।
.एनबीएफसी को पब्लिक इश्‍यू के जरिये धन जुटाने के लिए डीआरआर का सृजन करने की आवश्‍यकता समाप्‍त कर दी जाएगी
·सभी गैर-बैंकिंग कंपनियोंको टीआरईडीएस प्‍लेटफॉर्म में सीधे भाग लेने की अनुमति देने के लिए कदम उठाये जाएंगे।
·आवास संबंधी सभी वित्‍तीय क्षेत्र के विनियमन का अधिकार, एनएचबी से लेकर वापस आरबीआई को सौंपने का प्रस्‍ताव।
·अगले पांच वर्षों में अवसंरचना क्षेत्र में 100 लाख करोड़ का निवेश करने की योजना।
·एनपीएस ट्रस्‍ट को पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) से अलग रखने के प्रयास किये जाएंगे।
·नेट ओन्‍ड फंड की जरूरत को 5,000 करोड़ से कम करके 1,000 करोड़ करने का प्रस्‍ताव।

·देश में अंतर्राष्‍ट्रीय बीमा कारोबार की सुविधा प्रदान करने का प्रस्‍ताव।
·अंतर्राष्‍ट्रीय वित्‍तीय सेवा केन्‍द्रों में विदेशी बीमाकर्ताओं की शाखा खुलवाने की व्‍यवस्‍था।

गैर-वित्‍तीय सार्वजनिक क्षेत्र प्रतिष्‍ठान:
·सरकार ने वित्‍त वर्ष 2019-20 के लिए विनिवेश के जरिये 1,05,000 करोड़ रुपये प्राप्‍त करने का लक्ष्‍य रखा है।
·सरकार एयर इंडिया में विनिवेश की रणनीति फिर से शुरू करेगी और निजी क्षेत्रों को और साथ ही निजी क्षेत्रों की रणनीतिक भागीदारी के लिए और भी सीपीएसई को मौका देगी।
·सरकार पीएसयू की रणनीतिक बिक्री का भी रास्‍ता अपनाएगी तथा गैर-वित्‍तीय क्षेत्रों में पीएसयू को मजबूत तथा सुसंगठित बनाये रखने का काम जारी रहेगी।
·सरकार पीएसयू में अपनी हिस्‍सेदारी 51 प्रतिशत बनाये रखने की नीति में आवश्‍यकता आने पर संशोधन करने पर विचार कर रही है।
·सरकार द्वारा 51 प्रतिशत हिस्‍सेदारी कम करने के मामले में सरकार के नियंत्रण वाले संस्‍थानों की हिस्‍सेदारी को भी शामिल किया जाएगा।
·निवेश के लिए अतिरिक्‍त व्‍यवस्‍था।
o सरकारी सीपीएसई में अपनी हिस्‍सेदारी को फिर से ठीक करने की तैयारी में।
o बैंक अपने शेयरों की ज्‍यादा बिक्री के जरिये बाजार में अपनी पैठ बनाने की तैयारी में।
·सरकार, इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग स्‍कीम (ईएलएसएस) की तर्ज पर ईटीएफ में निवेश का एक विकल्‍प प्रदान करेगी।
·सरकार, सभी सूचीबद्ध सार्वजनिक उपक्रमों में जनता की 25 प्रतिशत भागीदारी के मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करेगी। सभी पीएसयू कंपनियों में विदेशी हिस्‍सेदारी को उभरते हुए बाजार सूचकांक के अनुरूप अधिकतम स्‍वीकृत सीमा तक बढ़ाया जाएगा।
·सरकार, विदेशी बाजारों में विदेशी मुद्रा में अपनी सकल उधारी कार्यक्रम के एक हिस्‍से को बढ़ाना शुरू करेगी। इससे घरेलू बाजार सरकारी प्रतिभूतियों की मांग पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा।
·लोगों के इस्‍तेमाल के लिए जल्‍द ही एक रुपये, दो रुपये, 5 रुपये, 10 रुपये और 20 रुपये के नये सिक्‍के उपलबध होंगे।

डिजिटल भुगतान:
·बैंक खाते से एक वर्ष में एक करोड़ से अधिक की नकदी निकासी पर 2 प्रतिशत के टीडीएस का प्रस्‍ताव।
·ऐसे व्‍यापारिक प्रतिष्‍ठान, जिसका वार्षिक कारोबार 50 करोड़ रुपये से अधिक है, वे अपने ग्राहकों को कम लागत वाली डिजिटल भुगतान सुविधा बिना किसी शुल्‍क के उपलब्‍ध कराएंगे। इसके लिए व्‍यापारियों या ग्राहकों पर कोई अतिरिक्‍त प्रभार नहीं लगाया जाएगा।

उदियमान और उन्‍नत प्रौद्योगिकी क्षेत्र के बड़ा निवेश:
·सेमी कंडक्‍टर, सौर ऊर्जा बैटरियां, लिथियम स्‍टोरेज बैटरियां, कम्‍प्‍यूटर सर्वर और लेपटॉप आदि जैसे उदियमान और उन्‍नत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बड़ी वैश्विक कंपनियों को संयंत्र लगाने के लिए आमंत्रित करना।
·ऐसी कंपनियों को आयकर छूटों और अन्‍य अप्रत्‍यक्ष करों का लाभ प्रदान करना।

2014-2019 के दौरान की उपलब्धियां:
·पिछले पांच वर्षों में भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में एक ट्रिलियन डॉलर की राशि जुड़ी है।
·भारत विश्‍व की छठी बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बन चुका है। पांच वर्ष पहले यह 11 स्‍थान पर था।
·क्रय शक्ति की समानता के दृष्टि से भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था है।
·2014-19 के दौरान राजकोषीय अनुशासन को सुदृढ़ बनाया तथा केन्‍द्र-राज्‍य संबंधों को गतिशीलता प्रदान की गई।
·अप्रत्‍यक्ष करों, दिवाला मामलों तथा रियल इस्‍टेट क्षेत्र में संरचनात्‍मक सुधार किये गये।
·2009-14 की तुलना में 2014-19 के बीच खाद्य सुरक्षा पर प्रतिवर्ष औसतन दोगुना खर्च किया गया।
·2014 की तुलना में 2017-18 में तिगुने से भी पेटेंट जारी किये गये।
·नीति आयोग की योजाओं और समर्थन से नये इंडिया के निर्माण की प्रक्रिया जारी है।

भविष्‍य के लक्ष्‍य :
·प्रक्रियाओं को सरल बनाना।
·निष्‍पादन को प्रोत्‍साहित करना।
·लाल फीताशाही में कमी लाना।
·प्रौद्योगिकी का बेहतर इस्‍तेमाल करना।
·शुरू किये कार्यक्रम और सेवाओं को गति प्रदान करना।

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