इस्लामाबाद (हि.स.)। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान के लिए साल का पहला महीना भारी पड़ा। साइफर केस में फैसला आने के 24 घंटे बाद आज तोशाखाना मामले में भी उन्हें तगड़ा कानूनी झटका लगा। मुल्क की एक जवाबदेही अदालत ने बुधवार को उन्हें और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को 14 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।
अदालत ने इमरान और बुशरा पर 78-78 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है। साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और बुशरा बीबी पर 10 साल तक के लिए कोई भी सरकारी पद ग्रहण करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इससे पहले 30 जनवरी को इमरान और उनकी पार्टी के नेता एवं पूर्व विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशी को साइफर केस में 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। रावलपिंडी के स्पेशल कोर्ट के जज अबुल हसनत जुल्करनैन ने अदियाला जेल में फैसले का ऐलान किया था।
विभिन्न आरोपों का सामना कर रहे इमरान खान इस समय रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं और उनकी पार्टी आठ फरवरी को होने वाले आम चुनाव में अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रही है। जवाबदेही अदालत के जज मोहम्मद बशीर अदियाला जेल पहुंचे और इमरान खान के पेश होने के बाद फैसला सुनाया। बुशरा बीबी फैसले के वक्त पेश नहीं हुईं।
पिछले महीने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ने सऊदी क्राउन प्रिंस से प्राप्त एक आभूषण सेट को कम मूल्यांकन के बावजूद अपने पास रखने पर एक नया मामला दायर किया था। जवाबदेही अदालत ने इस महीने की शुरुआत में इमरान और बुशरा को दोषी ठहराया था। ब्यूरो ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल के दौरान इमरान और उनकी पत्नी को विभिन्न राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी गण्यमान्य व्यक्तियों से कुल 108 उपहार मिले । इनमें से करीब 14 करोड़ रुपये के 58 उपहारों को इमरान खान ने तोशाखाना से सस्ते दाम पर खरीदा। फिर महंगे दाम पर बाजार में बेच दिया।