भारत की सरकारी और निजी कंपनियों ने सैनिकों के लिए सबसे हल्के बुलेट प्रूफ जैकेट तैयार किये हैं, जिसके बाद भारत बुलेट प्रूफ जैकेटों के लिए अपने मानक के अनुसार जैकेट बनाने वाले अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है।
केन्द्रीय उपभोक्ता, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मेक-इन-इंडिया पहल के अंतर्गत बने बुलेट प्रूफ जैकेटों को दिखाते हुए कहा कि यह जैकेट भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा निर्धारित और दिसंबर 2018 में अधिसूचित मानक (आईएएस 17051: 2018) का उपयोग करते हुए बनाए गए हैं। इस मानक को नीति आयोग और गृह मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार बनाया गया है।
रामविलास पासवान ने कहा कि भारत बुलेट प्रूफ जैकेटों के लिए अपने मानक के अनुसार जैकेट बनाने वाले अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है। उऩ्होंने बताया कि भारत मानक ब्यूरो द्वारा तय मानक अंतर्राष्ट्रीय मानकों के बराबर है। उन्होंने कहा कि यह जैकेट कम वजन के हैं और इनका वजन पांच किलों से 10 किलोग्राम है। जैकेट विश्व गुणवत्ता के अनुरूप है। जैकेटों की कीमत के बारे में उन्होंने कहा कि इनकी कीमत 70 हजार रुपये से 80 रुपये के बीच है और यह कीमत पहले खरीदे जाने वाले जैकेटों की कीमत से कम है।
उन्होंने बताया कि यह जैकेट प्रधानमंत्री मोदी की मेक-इन-इंडिया पहल के अंतर्गत बनाए जा रहे हैं और कुछ देशों में इनका निर्यात किया जा रहा है। उऩ्होंने कहा कि इससे देश में रोजगार सृजन बढ़ेगा। उन्होंने इसके लिए भारतीय मानक ब्यूरो के अधिकारियों को बधाई दी और कहा कि ऐसे मानक तय करने में उनके प्रयासों और योगदान की सराहना की जानी चाहिए।
इस अवसर पर एक पूर्व सैनिक ने जैकेट पहनकर दिखाया और इसकी विशेषताओं की जानकारी मीडिया को दी। जैकेट पहनने पर इसका वजन वास्तविक वजन से आधा महसूस होता है और यह सहजता से खुल सकता है। इसे जवान आवश्यकता के अनुसार आसानी से पहन सकते हैं और उतार सकते हैं। यह जैकेट पहनकर जवान अपने हथियारों का इस्तेमाल सहजता से कर सकते हैं।