मध्यप्रदेश के उप-मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल से मध्यप्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालयों के अधिष्ठाताओ ने भोपाल के निवास कार्यालय में सौजन्य भेंट की। अधिष्ठाताओं ने पे-प्रोटेक्शन, लीव-प्रोटेक्शन, सर्विस-प्रोटेक्शन और नॉन-प्रैक्टिसिंग एलाउंस के बारे में उप-मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल द्वारा किये जा रहे प्रयासों के लिये आभार व्यक्त किया।
उप-मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने निर्देश दिये कि चिकित्सा महाविद्यालयों में छात्रों की शिक्षा बेहतर करने के लिये प्रयास करें। समस्त अधिष्ठाता अस्पताल के अधीक्षकों के साथ समन्वय कर मरीजों को सहज और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सकीय सेवाओं के प्रदाय के लिए व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करें।
उप-मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल को अधिष्ठाताओं ने महाविद्यालय के संचालन, अधोसंरचणात्मक विकास एवं उन्नयन, प्रशासनिक व्यवस्था, वित्तीय आवश्यकता और मेंटेनेंस सहित अन्य महत्वपूर्ण आवश्यकताओं के संबंध में अवगत कराया। उप-मुख्यमंत्री ने शीघ्र आवश्यक सहयोग मुहैया कराने की बात कही।
मेडिकल कॉलेज में प्रशासकीय अधिकारी (वित्त) की नियुक्ति, महाविद्यालयों के उन्नयन, हॉस्टल और अस्पतालों के सिविल और इलेक्ट्रिक उपकरणों के मेंटेनेंस, लेक्चर हॉल और प्रदर्शक रूम को स्मार्ट क्लास में विकसित करने के लिये बजट उपलब्ध कराने का अधिष्ठाताओं ने अनुरोध किया। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में सहभागिता के लिये नीति बनाने का अनुरोध किया ताकि चिकित्सा शिक्षक और छात्र अपनी रिसर्च को विश्वस्तरीय प्लेटफार्म पर प्रस्तुत कर सकें।
बैठक में डॉ. प्रमेंद्र सिंह ठाकुर अधिष्ठाता बीएमसी सागर, डॉ. कविता सिंह अधिष्ठाता जीएमसी भोपाल, डॉ. धाकड अधिष्ठाता ग्वालियर, डॉ. सुनील अग्रवाल अधिष्ठाता रीवा, डॉ. परमहंस अधिष्ठाता शिवपुरी, डॉ. मनीष निगम अधिष्ठाता विदिशा और डॉ. मरावी अधिष्ठाता दतिया शामिल हुए।