जिंदगी की राहों में
जिंदगी की राहों में अनगिनत फूल हैं
कुछ खुशी के, कुछ गम के
कुछ हँसी के, कुछ दर्द के
जिंदगी के राहों में
खट्टी-मिठ्ठी यादे हैं, कुछ किस्से हैं
कुछ कहानियां हैं, कुछ वादे है
कुछ नगमे हैं, कुछ गीत हैं
कुछ अपने है, कुछ पराये है
जिंदगी की राहों में
कुछ उलझने हैं, कुछ पहेलियाँ हैं
कुछ सपने हैं, कुछ अरमान हैं
कुछ परेशानिया हैं, कुछ मेहरबानियां हैं
जिदगी की राहों में
-डॉ रुपाली दळवी, ओहोळ
परिचय-
नाम- डॉ रुपाली दळवी
शिक्षा- एमए, नेट, पीएचडी
पता- अहमदनगर, महाराष्ट्र
लेखन- बालकथा, कहानी, कविता, एकांकी, अनुवाद।
विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में हिंदी मराठी के शोध पत्र प्रकाशित, अहमदनगर आकाशवाणी से विभिन्न विषयों पर वार्ताएं, कहानियां, कवितायें प्रसारित
दैनिक भास्कर में लेखन। विशेष लेखन में BPHE सोसायटी के संस्थापक डॉ भास्कर पांडुरंग हिवाले के जीवन पर पोवाड़ा लेखन।