हुई लुप्त धरा है पेड़ों से,
मानव ये गलती कर बैठा
विनाश कर दिया जंगल का
सृष्टि का अमंगल कर बैठा
काट डाले हरे पेड़
गायब कर डाली हारियाली
अब बूंद-बूंद को तरस रहा
जल विहीन हुई धरती
हर घर से दो-दो पेड़ लगें
चमन हरा हो जायेगा
फिर होगी समय पर वारिस
जल स्तर ऊपर आयेगा
बागों की रौनक लौटेगी
फल-फूल से पेड़ लदे होंगे
राग मल्हार सब गायेंगे
-वीरेन्द्र तोमर