ढाका (हि. स.)। बांग्लादेश में भारी उथल-पुथल के बीच रोहिंग्या मुसलमानों पर म्यांमार के रखाइन राज्य में हुए हमले में 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। यह हमला म्यांमार और बांग्लादेश की सीमा पर रखाइन प्रांत में उस समय हुआ जब रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश में घुसने की कोशिश कर रहे थे। जीवित बचे लोगों से इस हमले के बारे में पूछा तो उन्होंने इसके लिए अराकन आर्मी को जिम्मेदार बताया है।
अराकन आर्मी म्यांमार में राखीन जातीय समूह की सैन्य शाखा की एक सैन्य शाखा है। हालांकि इस आर्मी ने हमले की किसी भी तरह की जिम्मेदारी से इनकार किया है।
ये हमला तब हुआ जब कुछ रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश की सीमा से सटे इलाके में एक नदी के पास नाव का इंतजार कर रहे थे। ये हमला म्यांमार के पश्चिमी रखाइन राज्य में बांग्लादेश की सीमा के पास हुआ है। लोग बचने के लिए सीधे नदी में कूद गए। ये लोग बांग्लादेश में नफ नदी पार करके माउंगडॉ शहर में भीषण लड़ाई से भागने की कोशिश कर रहे थे।
अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा सहायता समूह, डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स द्वारा शुक्रवार, 9 अगस्त को जारी एक बयान में कहा गया है कि वह रोहिंग्या मुसलमानों पर हुए हमलों के बाद उनका इलाज कर रही है और चोटिल लोगों की तादाद लगातार बढ़ रही है। जिनका इलाज चल रहा है वे वैसे लोग हैं जो बांग्लादेश की सीमा पार करने में कामयाब रहे हैं।
अराकान आर्मी ने नवंबर, 2023 में अपना राखीन आक्रमण शुरू किया और पड़ोसी चिन राज्य में 17 टाउनशिप में से नौ पर नियंत्रण हासिल कर लिया है। वह जून से ही सीमावर्ती शहर माउंगडॉ पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहा है।
2017 में, एक सैन्य आतंकवाद विरोधी अभियान में रोहिंग्या समुदाय के कम से कम 740,000 लोगों को सुरक्षा के लिए बांग्लादेश भेज दिया था। लेकिन 7 साल के बाद वे लोग अब भी वहां शिविरों में जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं, वे वापस म्यांमार आना चाहते हैं लेकिन देश के अस्थिर हालातों की वजह से वे ऐसा न करने को मजबूर हैं।