बम भोले की नगरी में
हर कण में शिव महेश्वर हैं
नागेंद्र वही योगेंद्र वही,
करते ध्यान निरंतर हैं
बगड़ बम ब बम के उद्घोष में
विराजे अमृतेश्वर हैं
नटेश्वर वही नंदीकेश्वर वही,
समाए भक्तों में प्रलयंकर हैं
भस्म लपेटे सर्प लपेटे
कैलाश नाथ, अर्धेश्वर है,
महाश्मशान बना शिव शंभू धाम
तारते भक्तों को पुरंदर है
धतूरा, बेलपत्र, बेर, उम्बी
अतिप्रिय सामग्री, शिव अलंकरण हैं,
मात्र महामृत्युंजय के जाप से
देते परम् शांति अकिलेश्वर हैं।
-वर्तिका
वाराणसी, उप्र