स्वयं को कंपनी प्रबंधन से भी ऊपर समझने वाले मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों की सामंती सोच का एक और कारनामा सामने आया है, जिसमें जबलपुर सिटी सर्किल के अंतर्गत जेसू पूर्व शहर संभाग के कार्यपालन अभियंता द्वारा 3 सितंबर 2024 को सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक, दो घंटे लाइनमैनों को जमीन पर बैठाकर मीटिंग ली गई, वायरल तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि कार्यपालन अभियंता स्वयं कुर्सी पर विराजमान हैं और सभी लाईनमैनों को जमीन पर बिठाया हुआ है। इतना ही नहीं इस मीटिंग में कार्यपालन अभियंता द्वारा एक लकवाग्रस्त लाइनमैन को निलंबित किया गया और दो लाईनमैनों (एक नियमित और एक संविदा लाइनमैन) को शोकॉज नोटिस जारी किए गए।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि जबलपुर जेसू पूर्व शहर संभाग के कार्यपालन अभियंता द्वारा लाइनमैनों को जमीन पर बैठाकर लगभग 2 घंटे तक राजस्व वसूली को लेकर नियमित, संविदा एवं आउटसोर्स की मीटिंग ली गई। मीटिंग में कार्यपालन अभियंता के द्वारा निर्देशित किया गया है कि पिछले वर्ष 2023 में जितना राजस्व संग्रह हुआ था, इस वर्ष उससे 25 प्रतिशत ज्यादा राजस्व लाना है। उन्होंने लाइनमैनों को निर्देश देते हुए कहा कि राजस्व वसूली के साथ हर दिन 30 से 40 उपभोक्ताओं को फोन कॉल कर पैसा जमा करने को कहना है।
लाइनमैनों को जमीन पर बैठाकर घंटों मीटिंग लेने की फोटो जैसे ही सोशल मीडिया में वायरल हुई, वैसे ही हंगामा मच गया और लाइन कर्मियों में इसको लेकर काफी आक्रोश है। हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि जबलपुर रीजन के मुख्य अभियंता से मार्च माह में संघ प्रतिनिधिमंडल से चर्चा की थी, उस समय चर्चा के दौरान भी मुख्य अभियंता से कहा गया था कि नियमित, आउटसोर्स एवं संविदा कर्मचारियों को मैदानी अधिकारियों के द्वारा हमेशा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है। अपशब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। हमेशा दो-दो घंटे खड़े करके मीटिंग लेते हैं।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि यह बात हम लोगों के समझ से बाहर है कि जब विद्युत मंडल के द्वारा यह तय किया गया है कि कर्मचारियों को जो कार्य अधिकारियों द्वारा सौंपा जाता है, मसलन- मेंटेनेंस करना, राजस्व वसूली करना, उपभोक्ता की कटी लाइट को चालू करना, इस प्रकार से तकनीकी कर्मी हमेशा आदेश दिए जाने पर कार्य करते हैं तो दो-दो घंटे मीटिंग करने का क्या औचित्य है।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि लाईनमैनों को इस तरह जमीन में बैठाकर अपमानित करना, अधिकारी की सामंती मानसिकता को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि यह हम सबके लिए एक समझ से परे है। कर्मचारियों को अवकाश नहीं देते, अवकाश के दिन बुलाते हैं तो उन कर्मचारियों को दुगनी दर से पैसा देना है, ये बात अधिकारी भूल जाते हैं। अधिकारी, नियमित, संविदा और आउटसोर्स कर्मियों की समस्याओं पर चर्चा नहीं करते, हमेशा कर्मचारियों के साथ तानाशाही व्यवहार करते रहते हैं।
संघ के अजय कश्यप, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, इंद्रपाल सिंह, संदीप यादव, विपतलाल विश्वकर्मा, शशि उपाध्याय, महेश पटेल, दशरथ शर्मा आदि ने पूर्व क्षेत्र कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि मीटिंग के लिए जमीन पर बैठाकर लाईनमैनों को अपमानित करने वाले अधिकारी पर कार्यवाही की जाए और बिजली कंपनियों को शिखर पर पहुंचाने वाले लाईनमैनों को छोटी-छोटी बात पर प्रताड़ित करना बंद किया जाए।