उत्तराखंड के औली में भारत और कजाकिस्तान के बीच 8वां संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘काजिंद-2024’ सूर्या विदेशी प्रशिक्षण नोड, शुरू हुआ। इस युद्धाभ्यास का समापन 13 अक्टूबर 2024 को होगा। यह संयुक्त अभ्यास 2016 से प्रति वर्ष होता आ रहा है। पिछला संयुक्त अभ्यास 30 अक्टूबर से 11 नवंबर 2023 तक कजाकिस्तान के ओटार में आयोजित किया गया था।
इसमें भारतीय सशस्त्र बलों के 120 जवान जिसमें कुमाऊं रेजिमेंट की एक बटालियन, अन्य अंगों के साथ-साथ भारतीय वायु सेना के कर्मी शामिल हैं। कजाकिस्तान की टुकड़ी का प्रतिनिधित्व मुख्य रूप से थल सेना और वायु सेना के जवानों द्वारा किया जाएगा।
संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र अधिदेश के सातवें अध्याय के तहत एक उप-पारंपरिक परिदृश्य में आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने के लिए दोनों पक्षों की संयुक्त सैन्य क्षमता को बढ़ाना है। यह संयुक्त अभ्यास अर्ध-शहरी और पहाड़ी इलाकों में कार्रवाई संचालन पर केंद्रित रहेगा। संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेस, सामरिक स्तर पर संचालन के लिए अभ्यास और इसमें सुधार तथा सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना है।
संयुक्त अभ्यास के दौरान किए जाने वाले सामरिक अभ्यासों में आतंकवादी कार्रवाई के खिलाफ संयुक्त जवाब, संयुक्त कमान पोस्ट की स्थापना, खुफिया और निगरानी केंद्र की स्थापना, हेलीपैड और लैंडिंग स्थल की सुरक्षा, कॉम्बैट फ्री फॉल, विशेष हेलीबोर्न ऑपरेशन, घेराव और तलाशी अभियान के अलावा ड्रोन और काउंटर ड्रोन सिस्टम का उपयोग आदि शामिल हैं।
संयुक्त अभ्यास काजिंद-2024 से दोनों पक्षों को संयुक्त संचालन की रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं में सर्वोत्तम उपायों को साझा करने का अवसर मिलेगा। इससे दोनों सेनाओं के बीच अंतर-संचालन, सहयोग और सौहार्द विकसित करने में मदद मिलेगी। संयुक्त अभ्यास से रक्षा सहयोग भी बढ़ेगा, जिससे दोनों मित्र देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में और मजबूती आएगी।