सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। हिन्दू पंचांग के अनुसार वर्ष में 24 एकादशियां आती हैं और हर एकादशी का अपना एक विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि एकादशी के दिन व्रत और पूजा आदि करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और इस जन्म के सभी पापों का नाश होता है।
पंचांग के अनुसार 12 अप्रैल 2022 मंगलवार को चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि प्रातःकाल 4:30 बजे से आरंभ होगी और 13 अप्रैल 2022 प्रात: 5:02 बजे तिथि का समापन होगा। उदयातिथि के अनुसार 12 अप्रैल को कामदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। मंगलवार को सर्वार्थ सिद्धि योग प्रातः 5:59 बजे से लेकर सुबह 8:35 बजे तक है। वहीं इसी दौरान रवि योग भी है। ऐसी मान्यता है कि सर्वार्थ सिद्धि योग में भगवान विष्णु की पूजा करना विशेष फलदायी रहता है।
कामदा एकादशी का व्रत विवाह में आने वाली परेशानियों को दूर करने वाला माना गया है। जिस कन्या की शादियों में अड़चने आ रही है। वे कामदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु को 2 साबुत हल्दी की गांठें अर्पित करें, भगवान का ध्यान करते हुये अपनी परेशानियों को बोलकर प्रार्थना करें। ऐसा करने से कुवांरी कन्याओं के मनचाहे वर की कामना पूर्ण होती है।
कामदा एकादशी के दिन दान पुण्य का भी विशेष महत्व बताया गया है। यदि संभव हो तो व्रतधारी को एकादशी के दिन गंगा स्नान करना चाहिए। यदि विवाह संबंधी बाधाओं का सामना कर रहें हैं, तो इस बाधा को दूर करने के लिए एकादशी के दिन केसर, केला या हल्दी का दान करना चाहिए। हिंदू धर्म ग्रंथों में कहा गया है कि एकादशी का उपवास रखने से धन, मान-सम्मान और संतान सुख के साथ मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।