ज्योतिषाचार्य पं अनिल कुमार पाण्डेय
प्रश्न कुंडली एवं वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ
वृष राशि राशि चक्र की दूसरी राशि है। इस शब्द का अर्थ बैल या साढ़ होता है। अंग्रेजी में से Taurus कहते हैं, इसका विस्तार 30 अंश से 60 तक होता है। कृतिका नक्षत्र की अंतिम तीन चरण, रोहिणी नक्षत्र के चारों चरण तथा मृगशिरा नक्षत्र के पहले दो चरण मिलकर वृष राशि का निर्माण करते हैं इस राशि का स्वामी शुक्र है। राम और चंद्रमा जब इस राशि में गोचर करते हैं तो वे उच्च के कहे जाते हैं। केतू जब इस राशि में गोचर करता है तो वह नीच का कहलाता है। इस राशि का स्वभाव स्थिर है। इसे सौम्य राशि मानी जाती है। इस राशि का तत्व पृथ्वी है, गुण राजसी है, जाति वैश्य है। यह रात्रि में बलि होती है। दक्षिण दिशा की स्वामी है। वात संबंधी रोग इसी राशि की वजह से होते हैं। शरीर में गला और मुख पर होने वाले सभी क्रियाओं का असर इसी राशि से देखा जाता है।
इस राशि के लोग अपने में डूबे रहने वाले विद्या की आकांक्षा रखने वाले तथा अपने कार्य समय से करने वाले होते हैं। सांसारिक कार्यों में दक्ष होते हैं और उनको बुद्धिमत्ता पूर्वक निपटाते हैं। इस राशि में जन्म लेने वाला जातक होगी भोगी दानी पवित्र कुशल महाबली धनवान, तेजस्वी और अच्छे मित्रों वाला होता है। इस राशि वालों के लिए मंगल बाधक ग्रह होता है। वृश्चिक बाधक राशि होती है और शनि तथा शुक्र इनके लिए शुभ ग्रह होते हैं।
धन उपार्जन
जनवरी फरवरी-मार्च और अप्रैल में तथा सितंबर और अक्टूबर के महीने में आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। अप्रैल के बाद से आपके खर्चे में बड़ी वृद्धि होगी। यह खर्चा किसी शुभ कार्य के लिए होगा। आप अपनी सुख वाली कोई सामग्री खरीद सकते हैं, इसके अलावा घर में विवाह का प्रयोजन भी हो सकता है। उपाय- आपको चाहिए कि आप पूरे अप्रैल के बाद पूरे वर्ष भर राम रक्षा स्त्रोत का प्रतिदिन जाप करें
भाग्य
वर्ष के प्रारंभ में आपको भाग्य से काफी मदद मिलेगी। आपके बहुत सारे कार्य कम परिश्रम से ही संपन्न हो जाएंगे। इसके उपरांत भाग्य से आपको मदद करना कम हो जाएगा। जून 2023 से अक्टूबर 2023 तक आपको केवल अपने परिश्रम पर यकीन करना होगा। इस प्रकार भाग्य के सहारे स्थान पर आपको परिश्रम का सहारा ज्यादा लेना चाहिए। उपाय- आपको चाहिए कि आप पूरे वर्ष शनिवार का व्रत रखें और शनिवार को शनि मंदिर में जाकर पूजा अर्चना भी करें। नीलम टेस्ट करके भी आप पहन सकते हैं।
कैरियर
वर्ष के प्रारंभ में कार्यस्थल पर आप पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जाएगा, परंतु फरवरी महीने से आप अपने कार्यालय के एक चमकते हुए सितारे कहलाए जाओगे। आपको आपके संस्थान से हटाने का भी कुछ लोग प्रयास कर सकते हैं। ऐसे लोगों से आपको पहले से ही सावधान रहना पड़ेगा। फरवरी से मई तक अधिकारीगण आप को विशेष तवज्जो देंगे। जून से लेकर अक्टूबर तक अधिकारियों की कृपा दृष्टि आप के ऊपर नहीं रहेगी। अतः इस अवधि में आपको अपने जलने वालों से सावधान रहना चाहिए। उपाय- आपके शनिवार को दक्षिण मुखी हनुमान जी के मंदिर में जाकर हनुमान जी की पूजा करें तथा कम से कम 3 बार हनुमान चालीसा का जाप करें।
परिवार
वर्ष के प्रारंभ दिनों में आपको अपने माता-पिता से प्रचुर स्नेह मिलेगा। फरवरी महीने बाद में आपकी माताजी या पिताजी के स्वास्थ्य में थोड़ी खराबी आने के कारण आप सभी परिवार के लोग परेशान हो सकते हैं। माताजी का स्वास्थ्य अगस्त और सितंबर के महीने में अच्छा रहेगा। वर्ष के प्रारंभ में यह संभव है कि आपके भाई बहन आपके साथ पूर्ण सहयोग कर सकते हैं, परंतु अप्रैल के बाद में इस सहयोग में कमी आ जाएगी। मार्च और अक्टूबर के महीने में आपकी संतान से आपको अच्छा सुख प्राप्त होगा। आपकी संतान के लिए अक्टूबर का माह अच्छा रहेगा। उपाय- आप को गाय को हरा चारा खिलाना चाहिए।
स्वास्थ्य
वर्ष के प्रारंभ के दिनों में आपका और आपकी जीवन साथी का स्वास्थ्य थोड़ा नरम गरम रहेगा। अप्रैल के महीने में आपका स्वास्थ्य ठीक हो जाएगा। उपाय- आपको चाहिए कि आप शुक्रवार को मंदिर में जाकर गरीबों के बीच में चावल का दान दें।
व्यापार
आपका व्यापार वर्ष के प्रारंभ के दिनों में थोड़ा धीमा हो सकता है, परंतु वर्ष के मध्य से आपके व्यापार में तेजी आएगी। यह भी संभावना है कि आप कोई बड़ा व्यापार प्रारंभ करें या अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए और पूंजी निवेश करें। उपाय- राम रक्षा स्त्रोत का प्रतिदिन दिन जाप करें।
मकान कार जमीन
इस बात की पूरी संभावना है कि इस वर्ष अप्रैल महीने के बाद वृष राशि के जातक अपनी सुख सुविधा वाली कोई वस्तु कैसे मकान, कार, एयर कंडीशनर आदि खरीदें। इस बात की ज्यादा संभावना अगस्त और सितंबर के महीने में है। उपाय- आपको चाहिए कि आप प्रतिदिन प्रातःकाल स्नान के उपरांत एक तांबे के पात्र में जल अक्षत और लाल पुष्प लेकर गायत्री मंत्र और सूर्य मंत्र के साथ भगवान सूर्य को जल अर्पण करें।
वार्षिक उपाय
अपने संपूर्ण कष्टों के निवारण के लिए आपको चाहिए कि आप हर माह के प्रथम सोमवार को भगवान शिव का दूध से अभिषेक करें।
संपर्क-
साकेत धाम कॉलोनी, मकरोनिया
सागर, मध्य प्रदेश- 470004
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