ज्योतिषाचार्य ऋचा श्रीवास्तव
हर वर्ष भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। क्योंकि इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु के 16 कलाओं से युक्त पूर्णावतार, भगवान श्रीकृष्ण ने धर्म की संस्थापना हेतु माता देवकी के गर्भ से मथुरा नामक पावन नगरी में मानव रूप में अवतार लिया था।
भगवान विष्णु के आठवें अवतार योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण का जन्म द्वापर युग के अंत में भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में राक्षस कंस के अत्याचारों से धरती को मुक्त कराने के लिए हुआ था। इसी उपलक्ष्य में हमारे सनातन धर्म मे श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को एक प्रमुख त्योहार की दृष्टि से देखा जाता है और पूरे देश-दुनिया में बड़े हर्षोल्लास से इस त्यौहार को मनाया जाता है।
इस दिन मंदिरों में आकर्षक सजावट की जाती है और लोग घरों में भी झांकियां आदि सजाकर श्रीकृष्ण जी का जन्म कराते हैं और छप्पन भोग लगाकर पूजा उपासना करते हैं। तुलसी दल युक्त माखन, मिश्री, दूध दही, पंजीरी और रामदाने के लड्डू, फल इत्यादि भगवान श्री कृष्ण के प्रिय भोग है।
इस वर्ष किस दिन है जन्माष्टमी
वर्ष 2024 में जन्माष्टमी तिथि 26 अगस्त, दिन सोमवार को पड़ रही है। साथ में एक अत्यंत शुभ योग, जयंती योग एवं सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा। इस समय यदि भगवान श्रीकृष्ण की पूजा उपासना की जाय तो अक्षय पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
पूजन का मुहूर्त
इस बार 26 अगस्त को सुबह 3 बजकर 40 मिनट से अष्टमी तिथि शुरू होगी और 27 अगस्त को सुबह 2 बजकर 19 मिनट पर समापन होगा। दिनांक 26 अगस्त के सूर्योदय से ही व्रत प्रारम्भ होगा और व्रत का पारण 27 अगस्त को सुबह 6 बजे के बाद होगा।
रात्रि पूजन मुहूर्त
रात्रि 12:00 बजे से रात्रि 12:45 बजे तक।
राशि अनुसार भोग लगाएं
यदि उपासक इस विशेष दिन राशि अनुसार भगवान श्रीकृष्ण को भोग लगाकर उपासना करते हैं तो उन्हें भगवान का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होगा।
1- मेष- मेवे और तुलसी दल सहित आटा की पंजीरी का भोग लगाएं।
2- वृष- शुद्ध दूध से बनी मिठाई, खीर का तुलसी पत्र डालकर भोग लगाएं।
3- मिथुन- इस राशि के जातक शुद्ध घी में बने हरे मूंग के तुलसी दल युक्त लड्डू या हलवे का भोग लगाएं।
4- कर्क- कर्क राशि के जातक भोग में बेसन की पंजीरी, श्री खण्ड अर्पित करें।
5- सिंह- इस राशि के जातक भगवान को अन्य द्रव्यों के साथ धनिया की पंजीरी अवश्य अर्पित करें।
6- कन्या- कन्या राशि के जातक भोग में दही और बेसन के लड्डू अर्पित करें।
7- तुला- इस राशि के जातक माखन, मिश्री और चावल के खीर का भोग अर्पित करें।
8- वृश्चिक- वृश्चिक राशि वाले लाल पेड़े और नारियल की बर्फी अर्पित करें।
9- धनु- इस राशि के जातक केसर युक्त मेवे और खोए की मिठाई का भोग अर्पित करें।
10- मकर- मकर राशि के जातक भगवान को नारियल युक्त मखाने की खीर का भोग लगाएं।
11- कुम्भ- इस राशि के जातक अन्य प्रसादों के साथ ताजे नारियल के लड्डू और पँचमेवे युक्त आटे के लड्डूओ का भोग लगाएं।
12- मीन- इस राशि के जातक केसर युक्त पीले बेसन के लड्डू या बेसन का हलुवा अर्पित करें।
इस प्रकार से भोग अर्पित करके जातक पूजन करें और प्रभु से कल्याण की कामना करें। ध्यान रहे, प्रत्येक भोग-प्रसाद में तुलसी दल अत्यंत आवश्यक है।