शलगम का साग, सलाद व सूप के रूप में उपयोग किया जाता है। यह एंटीऑक्सीडेंट, खनिज लवण जैसे- कैल्शियम, लौह, ताँबा आदि, विटामिन्स बी, सी व रेशे का अच्छा स्रोत है।
आधुनिक शोधों के अनुसार शलगम के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है तथा कैंसर, सूजन, मोटापा, मधुमेह, हृदयरोगों से बचाव होता है। उससे उच्च रक्तचाप कम करने में मदद मिलती है। पेट तथा पाचन के विकारों में बहुत ही लाभदायक है। पेट साफ रहता है, कब्जियत दूर होती है।
शलगम के नियमित सेवन के लाभ
- कच्चा शलगम चबा के खाने से दाँत व मसूड़े मजबूत होते हैं।
- जिसका हृदय कमजोर हो, उसे कच्चा शलगम चबा-चबा के खाना चाहिए। सूप के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं।
- मधुमेह के रोगियों को लाभदायक है। इससे रक्ताल्पता भी दूर होती है।
- शलगम को उबाल के उस पानी में पैर रख के बैठने से पैरों की सूजन व बिवाइयों से राहत मिलती है।
- मूत्रावरोध में शलगम व मूली का रस मिला के पीने से मूत्र खुल के निष्कासित होने लगता है।
- गला बैठने पर तथा गाने और भाषण देने वालों के लिए शलगम का साग लाभदायक है।
- जिन बच्चों की हड्डियाँ कमजोर हों उन्हें गाजर के रस के साथ शलगम का रस मिला के देने से लाभ होता है, साथ ही हड्डियों का विकास ठीक से होता है।