ये जानते हुए की वो
नही आयेगी कभी
नाउम्मीद हूँ, फिर भी
उनका इंतज़ार अब भी है
वो पगली मुझसे बेइंतेहा
इश्क़ करती है पर नही
करेगी इज़हार, फिर भी
उनका इंतज़ार अब भी है
मिलेगी नही वो मुझे
अपनी ही गली में
जाता हूँ फिर भी, क्योकि
उनका इंतज़ार अब भी है
हाँ हाँ मुझे तुझसे है प्यार
सखियों से पूछता तेरा
हरपल का हाल, क्योंकि
उनका इंतज़ार अब भी है
-राजन गुप्ता ‘जिगर’
जौनपुर, उत्तर प्रदेश