कवर पिक साधारण थी
कुछ ज्यादा अट्रेक्टिव नहीँ लगी
मेज पर रखी उस किताब की,
जो धूल में सनी थी,
शायद कोई उसे महीनों पहले
उसी मेज पर भूल गया था
मालूम पड़ रहा था तब से
किसी ने उसे हाथ भी नहीँ लगाया है
मैं जैसे-जैसे किताब पढ़ती गई
तब एहसास हुआ मुझे,
मेरे लिए यह महज़ एक किताब है
पर लिखने वाले ने
उस किताब में
अपनी पूरी जिंदगी की निचोड़ लिखी है
-पिंकी दुबे