साहित्य कुछ तो चाहत रहने दे- डॉ भावना By लोकेश नशीने - March 8, 2020 Share WhatsAppFacebookCopy URL कुछ तो चाहत रहने दे मुझपर तोहमत रहने दे अपनी तबीयत कह दे बस मेरी तबीयत रहने दे कितना खुद को बदलूँ मैं कुछ तो आदत रहने दे ख़ौफ़ खुदा का अच्छा है कुफ़्र की दहशत रहने दे छीन ले ये सब मालो-ज़र इश्क़ की दौलत रहने दे -डॉ भावना