तुम आसमान देख लो- संजय अश्क़

गुटका, तंबाकु, सिगरेट मे ही खुश इंसान देख लो
जगह-जगह खुली हुई जहर की दुकान देख लो

नशे के चक्कर में लोग घर से सडको पर आ गये
शराबियो के पतन का तरीका आसान देख लो

किसी के अल्ला-भगवान से उनको मतलब नहीं
अमन-भाईचारे से हर नेता यहां परेशान देख लो

ग्रेजुएट होकर भी वो चाय की टपरी चला रहे है
हवा में उड़ता भाईयों-बहनों हिन्दुस्तान देख लो

हम किसान हैं, मेहनत की रोटी में ही खुश रहते हैं
जमीं हमारे लिये काफी है, तुम आसमान देख लो

मंदी-मंहगाई की मार से जनता गर्त मे जा रही है
और देश के नेताओ का आर्थिक उत्थान देख लो

-संजय अश्क़
पुलपुट्टा, बालाघाट
मोबाइल- 9753633830