आँखों ने भी धोखा दे दिया
तेरा सपना देखने से मना कर दिया
साँसे भी रुख्सत सी हो चली
दिल के साथ धड़कने से मना कर दिया
रूह भी तन छोड़ना चाहती हैं
जबसे तुमने साथ देने से मना कर दिया
गीत ग़ज़लों ने ख़ुद को बेअसर कर दिया
जबसे तुमने नाम मेरा लेना छोड़ दिया
-मनोज कुमार