जनता का करे मोल भाव वही नेता है
झूठ का पकाता जो पुलाव वही नेता है
गाँवों के आसपास गड्ढे खुदवाता पर
भरता है ख़ुद का तलाव वही नेता है
साफ करे राजकोष छलता बाढ़ सूखा में
तापता जो धन का अलाव वही नेता है
जाता न हो गांव कभी देखने बुराई पर
घर में कराता अलगाव वही नेता है
रुपयों से दाम करे खूब मोल भाव करे
जीत जाए छल से चुनाव वही नेता है
देश-देश दौरे करे, गौर करे टेंडर पे
जनता पे रखें जो दबाव वही नेता है
प्रगति विराम करे, ऐश-ओ आराम करे
दूर से जो देता हो सुझाव वही नेता है
-रकमिश सुल्तानपुरी