बड़ी शिद्दत से पिरोया है तुझको खुद में
कि अब लफ्जों में नहीं लहजे में हो तुम
रहता हूँ हर पल ख्यालों में तुम्हारे मैं
मेरे लिये ही खुल्द से आए हो तुम
तुम्हारे आने की खबर से सारे गम दूर हो गये
इस पतझड़ की नई बहार हो तुम
ये किस्सा सुना है किरदार का तुम्हारे
भटके हुये मुसाफिरों के सरपरस्त हो तुम
सजती है महफिलें आमद से तुम्हारी
न जाने कौन सा हुनर रखते हो तुम
‘शहजादे’ है हम भी तेवर रखते है
सादगी से हमारा किरदार न आँको तुम
-शुभम ‘शहजादा ‘
मिरगपुर, जिला- बालाघाट
मोबाइल- 7389895354