Tuesday, September 17, 2024
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ऐसा इश्क किया था: मुकेश चौरसिया

हुआ तुम्हारा नाम बहुत,
हम भी हुए बदनाम बहुत

धन दौलत की लगी बोलियाँ,
इश्क हुआ नीलाम बहुत

तुमको आना था न आए,
भेजे हम पैगाम बहुत

बैठे रह गए मुँह छुपाए,
बनते थे गुलफाम बहुत

ऐसा इश्क किया था हमने,
बुरा हुआ अंजाम बहुत

शहर निराला तुमने पाया,
हमको भाया ग्राम बहुत

लाख सहारे तुमने पाए,
अपना था एक राम बहुत

मुकेश चौरसिया
गणेश कॉलोनी, केवलारी
सिवनी, मध्य में
ईमेल- [email protected]
संपर्क- 8878727275

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