डॉ निशा अग्रवाल
जयपुर, राजस्थान
कैसे मनाऊं, कैसे मनाऊं,
कैसे मनाऊं छठी मैया
तुझे कैसे मनाऊं
पूजा की थाली लेकर
साज श्रृंगार लेकर
तुझको चुनरिया पहनाऊं
ओ मैया मोरी
तुझे कैसे मनाऊं
देवों की मैया तू है
सबकी खिबैया तू है
खड़ी मझधार मैं भी
तेरी ही शरण में आ जाऊं
ओ मैया मोरी
तुझे कैसे मनाऊं
दुखिया के दुख को हरती
जीवन सबके सुख भरती
सभी श्रृद्धालुओं के
मन को भी तू ही रिझाती
कैसे मैं तुझ पे बारी जाऊं
ओ मैया मोरी
तुझे कैसे मनाऊं
द्रोपद के दुख को सुनकर
विपदा में साथ आकर
तूने ही लाज बचाई
राज पाठ वापस दिलवाई
तुझको मैं शीश झुकाऊं
ओ मैया मोरी
तुझे कैसे मनाऊं
तेरे ही द्वारे आकर
तुझको ही शीश झुकाकर
आराधना तेरी गाकर
प्रार्थना तेरी गाकर
तुझको मैं भी सुनाऊं
तेरा ही दर्शन मैं पाऊं, ओ मैया मोरी
कैसे मनाऊं, कैसे मनाऊं
कैसे मनाऊं छठी मैया, तुझे कैसे मनाऊं