आओ मिलकर सब दीवाली मनायें: पूजा

दिव्य गुणों को अपनाकर।
जीवन का आंगन सजायें।।

ना अब कोई दुख हो, ना हो गम का अंधेरा।
लगे रात भी, जैसे उज्जवल सवेरा
संगम युग में आत्म ज्योत हम जगाएं
आओ मिलकर सब दीवाली मनायें।।

ना बैर हो आपस में हमारा-तुम्हारा
बने एक दूजे का हम-तुम सहारा
रंग-बिरंगे हम सब एक हो जाएं
आओ मिलकर सब दीवाली मनायें।।

यादगार है यह त्यौहार हमारा
यह संदेश है एकता का इशारा
जो कर्तव्य है आज उनको हम निभाएं
आओ मिलकर सब दीवाली मनायें।।

किसी का ना भय से हो सर नीचा
हिमाचल की भांति रहे सबका शीश ऊंचा।
दिल के घाव पर ज्ञान-योग का मलहम लगाएं
आओ मिलकर सब दीवाली मनायें।।

पूजा
पीजीजीसीजी-42
चंडीगढ़